बिना ट्रेनिग जेबीटी शिक्षकों की ड्यूटी लगाने का विरोध जताया
कोविड़ के मरीजों की जांच के लिए गांव स्तरीय कमेटियों में कमेटी की बैठक की गई।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कोविड़ के मरीजों की जांच के लिए गांव स्तरीय कमेटियों में बिना प्रशिक्षण जेबीटी शिक्षकों की ड्यूटी लगाने पर एसोसिएशन ने विरोध जताया। प्राइमरी टीचर एसोसिएशन के जिला प्रधान अमित सिंह ढिल्लों ने कहा कि कमेटियों में टीजीटी व पीजीटी अध्यापकों की ड्यूटी लगाने के आदेश दिए गए थे। इनको प्रशिक्षण भी दिया गया। जेबीटी शिक्षकों को कोई ट्रेनिग नहीं दी गई। इसलिए असमंजस की स्थिति बनी हुई है। उच्चाधिकारी भी इससे पल्ला झाड़ रहे हैं। यदि किसी गांव में टीजीटी या पीजीटी नहीं हैं, वहां जेबीटी शिक्षक कार्य को करने के लिए तैयार हैं। परंतु पहले उन्हें सही प्रकार से प्रशिक्षण दिया जाए। पीपीई किट, मास्क व सैनिटाइजर उपलब्ध करवाए जाएं। फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया जाए। महामारी के कारण मृत्यु होने पर शिक्षक के आश्रितों को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने का पत्र सरकार जारी करे।
अध्यापकों की मांग दो डोज लगने पर ही लगे कोविड डयूटी
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : जेबीटी अध्यापकों की कोविड ड्यूटी लगाने पर राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा ने एतराज जताया है। संघ नेताओं का कहना है कि जब तक जेबीटी अध्यापकों को वैक्सीन की दोनों डोज न लगे तब तक अध्यापकों की ड्यूटी फ्रंटलाइन वर्कर के साथ न लगाई जाए। साथ ही इस काम से पहले सभी अध्यापकों को इस कार्य का उचित प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाए।
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा के राज्य प्रधान जगजीत सिंह ने कहा कि महानिदेशक शिक्षा विभाग द्वारा इस कार्य के लिए पीजीटी एवं टीजीटी साइंस की ड्यूटी पूर्व में लगाई गई थी और उनको प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया था। लेकिन जिला प्रशासन ने महानिदेशक के आदेशों की अवहेलना करते हुए जेबीटी अध्यापकों को जबरदस्ती इस कार्य में लगा दिया है। जिला प्रधान यमुनानगर कुलवंत सिंह ने कहा कि पिछले साल भी कोविड-19 महामारी में अध्यापकों ने जोखिम की परवाह किए बिना सरकार द्वारा दी गई हिदायतों का पालन करते हुए ईमानदारी से अपने कर्तव्य का पालन किया था। लेकिन इस बार महामारी ने विकराल रूप धारण किया हुआ है। बिना वैक्सीनेशन की दो डोज एवं बिना प्रशिक्षण के अध्यापकों को फील्ड में उतारना सीधे वैसे ही है जैसे उन्हें मौत के मुंह में जबरदस्ती धकेला जा रहा है। अत: राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ सरकार से मांग करता है कि अध्यापकों को फील्ड में उतारने से पहले उनको उचित प्रशिक्षण प्रदान करें एवं उनको वैक्सीन की दोनों डोज लगाई जाए।