करोड़ों रुपये प्रापर्टी टैक्स आने की थी उम्मीद, खाली ही निगम की तिजौरी
प्रापर्टी टैक्स लेने में नगर निगम के अधिकारी एक बार फिर फिसड्डी साबित हुआ।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : प्रापर्टी टैक्स लेने में नगर निगम के अधिकारी एक बार फिर फिसड्डी रहे। अधिकारी उम्मीद लगाए बैठे थे कि वित्त वर्ष के आखिरी दो दिनों में करोड़ों रुपये प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में आएगा। लेकिन, नगर निगम की तिजोरी खाली ही रही। 30 मार्च को महज दो लाख 83 हजार 622 रुपये ही निगम के खाते में जमा हुए। 31 मार्च को भी करीब इतना ही पैसा टैक्स के रूप में जमा हुआ। लक्ष्य का एक चौथाई ही जुटा पाए अधिकारी
नगर निगम अधिकारियों ने वित्त वर्ष 2020-21 में 48 करोड़ रुपये प्रापर्टी टैक्स जुटाने का लक्ष्य रखा था। परंतु अधिकारी इसका एक चौथाई ही प्राप्त कर पाए। 48 करोड़ रुपये में से निगम के पास 30 मार्च तक केवल 13 करोड़ 82 लाख 3971 रुपये ही आए। यूनिट बढ़ रही लेकिन आमदनी नहीं
शहरी क्षेत्र में घर, दुकान व शोरूम लगातार बन रहे हैं। इस तरह यूनिट में रोजाना इजाफा हो रहा है। जबकि निगम की आमदनी उस गति से नहीं बढ़ रही। गत वर्ष लोगों ने करीब 11 करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराया था। टैक्स जमा कराने पर प्रदेश सरकार ने टैक्स की मूल राशि में 25 फीसद छूट के साथ पूरा ब्याज माफ करने की सुविधा दी थी। विकास कार्यो पर पड़ेगा असर :
नगर निगम को सबसे ज्यादा आमदनी प्रापर्टी टैक्स के रूप में ही होती है। बाकी स्त्रोत से कम आय होती है। ऐसे में 30 फीसद से भी कम टैक्स का एकत्रित होने का मतलब साफ है कि इसका असर शहर में होने वाले विकास कार्यो पर भी पड़ेगा। पार्षद पहले ही आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें अपने वार्डों में काम कराने के लिए फंड नहीं मिलता। ऐसी स्थिति में तो वर्ष 2021-22 में भी यही स्थिति रहेगी। पार्षद निर्मल चौहान का कहना है कि कम टैक्स का आना अधिकारियों की उदासीनता को दर्शाता है। कम टैक्स आने की जांच होगी : धर्मवीर सिंह
नगर निगम के आयुक्त धर्मवीर सिंह का कहना है कि इस बार गत वर्ष की अपेक्षा प्रॉपर्टी टैक्स ज्यादा जरूर आया है। परंतु उम्मीद के मुताबिक नहीं है। कम टैक्स आने के पीछे क्या वजह रही इसकी जांच की जाएगी।