स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 : पिछड़ने के कारणों को दूर करने की तैयारी, कचरा प्रबंधन पर फोकस
स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 को लेकर नगर निगम अधिकारियों ने तैयारी शु
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 को लेकर नगर निगम अधिकारियों ने तैयारी शुरू कर दी है। बीते वर्ष पिछड़ने का कारण बने कचरे के प्रबंधन पर विशेष रूप से फोकस रहेगा। इसका खाका भी तैयार कर लिया गया है। अक्टूबर के अंतिम या नवंबर के पहले सप्ताह में केंद्र की टीम दौरा कर सकती है। इससे पहले उन कारणों को दूर किया जाएगा जो स्वच्छ सर्वेक्षण में पिछड़ने का कारण बन सकते हैं। कचरे से तैयार करेंगे जैविक खाद
शहर से निकल रहे कचरे का प्रबंधन न होना स्वच्छ सर्वेक्षण में पिछड़ने का बड़ा कारण बन रहा है। इस बार कचरा प्रबंधन पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। कचरे से जैविक खाद तैयार करने के लिए अलग-अलग वार्ड में 90 गड्ढे बनाए जाएंगे। निगम की इंजीनियरिग ब्रांच ने इस योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। आसपास का कचरा इन गड्ढों में डाला जाएगा। कचरे का प्रबंधन करेंगे होटल व रेस्टोरेंट
नगर निगम एरिया में 150 होटल, रेस्टारेंट व बैंक्वेट हॉल हैं। नगर निगम की ओर से सभी को नोटिस जारी कर यहां से निकल रहे कचरे का प्रबंधन करने के आदेश जारी कर दिए हैं। हालांकि कुछ ने गत वर्ष ही इस योजना पर काम शुरू कर दिया था, लेकिन अधिकांश में नगर निगम के आदेशों की पालना नहीं हो रही है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस प्रयास रहेगा कि ठोस कचरे का विशेष रूप से प्रबंधन किया जाए। किस वर्ष कितना रहा अपने शहर का रैंक
वर्ष -2017 में : 346वां
वर्ष- 2018 में : 310वां
वर्ष- 2019 में : 218वां
वर्ष-2020 में: 147वां इसलिए बिगड़े हालात
यमुनानगर-जगाधरी से हर दिन 250-300 टन कचरा निकल रहा है। चार वर्ष से कचरा निस्तारण प्लांट बंद होने के कारण जगह-जगह कचरा डाला जा रहा है। कैल गांव में कचरे के पहाड़ बन चुके हैं। इसके अलावा हमीदा में नहर के किनारे खुले में ही कचरा गिराया जा रहा है। जगाधरी के मिलिट्री ग्राउंड में भी कचरे के ढेर लगे हैं। हर बार स्वच्छता सर्वेक्षण में कचरा कमजोर पहलू साबित हो रहा है। अधिकारी इस बात को मानते भी हैं, लेकिन आज तक इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया। आगामी दिनों में होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। शुरुआती दौर में कचरे के प्रबंधन पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। बीते वर्षो की तुलना में स्थिति सुधरी है, लेकिन इस बार और भी बेहतर करने का प्रयास है। कचरा प्लांट में पड़े कचरे के प्रबंधन के लिए भी योजना बनाई है। इस पर जल्दी ही काम शुरू हो जाएगा।
अनिल कुमार नैन, चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर।