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जलभराव से निपटने के लिए तैयारियां पूरी, नदियों से लगते गांवों में विशेष ध्यान: अभिषेक

नदियों का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। यमुना सोम पथराला व अन्य नदियों में उफान के कारण आसपास के एरिया में हर वर्ष भारी नुकसान होता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 05:50 AM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 06:15 AM (IST)
जलभराव से निपटने के लिए तैयारियां पूरी, नदियों से लगते गांवों में विशेष ध्यान: अभिषेक
जलभराव से निपटने के लिए तैयारियां पूरी, नदियों से लगते गांवों में विशेष ध्यान: अभिषेक

मानसून सीजन शुरू हो गया है। नदियों का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। यमुना, सोम, पथराला व अन्य नदियों में उफान के कारण आसपास के एरिया में हर वर्ष भारी नुकसान होता है। फसलें डूबने के साथ-साथ भूमि कटाव भी होता है। सैकड़ों एकड़ भूमि पानी की धार के साथ बह जाती है। बारिश के पानी से शहर की कई कालोनियां भी जलमग्न हो जाती हैं। प्रशासनिक स्तर पर बचाव के लिए क्या-क्या प्रयास किए जा रहे हैं? आपात स्थिति में किस तरह सहायता प्राप्त की जा सकती है, इन तमाम बिदुओं को लेकर दैनिक जागरण संवाददाता संजीव कांबोज ने जिला राजस्व अधिकारी अभिषेक बीबीयान से बातचीत की। सवाल : मानसून सीजन शुरू हो गया है। बाढ़ के लिहाज से जिला अति संवेदनशील है। बचाव के लिए क्या-क्या तैयारी है?

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जवाब : देखिए, लॉकडाउन के वजह से बाढ़ बचाओ के कार्यों में थोड़ी देरी हुई है, लेकिन सभी कार्य पूरे कर लिए गए हैं। हर तरह के संसाधन हमारे पास हैं। डीजल इंजन व लाइफ जैकेट पर्याप्त मात्रा में हैं। 14 बोट व चार इंजन हैं। सवाल : बारिश होने पर शहर की कई कालोनियों में जल भराव होता है। निपटने के लिए इस बार क्या विशेष तैयारी है?

जवाब : नगर निगम की ओर से सभी छोटे-बड़े नालों की सफाई करवा दी गई है। किसी भी नाले में गाद या कचरा नहीं है। बावजूद इसके यदि शहर के किसी भी एरिया में जल भराव होता है तो निकासी के लिए पर्याप्त साधन हैं। सीजन में अभी तक ऐसी समस्या सामने नहीं आई। सवाल : नदियों के सटे गांवों में बाढ़ से बचाव के लिए क्या विशेष प्लानिग है?

जवाब : जिन गांवों में बाढ़ का खतरा अधिक रहता है, उन पर विशेष रूप से फोकस रहता है। संबंधित गांव के सरपंच व अन्य मौजिज व्यक्तियों के मोबाइल नंबर हमारे पास हैं। बकायदा वाट्सएप ग्रुप बनाया हुआ है। हम सुबह-शाम सिंचाई विभाग से नदियों में पानी के बहाव से संबंधित अपडेट लेते हैं। यदि किसी भी नदी में उफान है तो तुरंत ग्रामीणों को सूचित किया जाता है। ताकि बचाव सुनिश्चित किया जा सके। सवाल : कंट्रोल रूम में फोन न उठाने की शिकायतें अकसर आती हैं।

जवाब : नहीं ऐसा नहीं है। इस संदर्भ में सख्त निर्देश जारी किए हुए हैं। जिला सचिवालय में बने कंट्रोल रूम में 24 घंटे सातों दिन कर्मचारियों की ड्यूटी रहती है। इसके अलावा खंड स्तर पर भी कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। यदि किसी भी खंड में फोन न उठाने की शिकायत है तो हमें बताएं। कार्रवाई की जाएगी। सवाल : लैंड रिकॉर्ड व राजस्व न्यायालय के कोर्ट केस से संबंधित रिकार्ड ऑनलाइन करने का कितना काम पूरा हो गया है?

जवाब : 80 फीसद काम पूरा हो चुका है। 20 फीसद स्कैनिग का काम रहता है। इसे जल्दी ही पूरा कर लिया जाएगा। जिला सचिवालय में ही मॉडर्न रेवेन्यू रिकॉर्ड रूम बनाया जाएगा। इसके लिए अलग से कर्मचारियों की व्यवस्था की जाएगी। सवाल : सरकारी विभागों की जमीनों पर अवैध कब्जे हैं। इस दिशा में उठे कदम कहां तक पहुंचे हैं।

जवाब : सभी विभागों की जमीन का रिकार्ड जुटा लिया गया है। इनसे अवैध कब्जे हटवाने की प्रक्रिया भी विभागीय स्तर पर शुरू हो चुकी है।


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