शहर में चल रही डेयरियों पर कार्रवाई की तैयारी, 250 को नोटिस
ट्विन सिटी की विभिन्न कालोनियों में चल रही पशु डेयरियों को
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
ट्विन सिटी की विभिन्न कालोनियों में चल रही पशु डेयरियों को डेयरी कांप्लेक्स में शिफ्ट करने के लिए नगर निगम ने एक बार फिर कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। 250 डेयरी संचालकों को नोटिस देकर सात दिन की अवधि में कांप्लेक्स में शिफ्ट करने के लिए नोटिस जारी किए हैं। यदि इस दौरान संचालकों ने डेयरी शिफ्ट नहीं की तो पशुओं को जब्त कर लिया जाएगा। बता दें कि जून-2019 में भी नगर निगम की ओर से यह कार्रवाई की गई थी। इस दौरान जिन डेयरी संचालकों ने शिफ्ट किया था, वह भी वापस आ गए। वापसी का कारण कांप्लेक्स में सुविधाएं न मिलना बताया जा रहा है। गत दिनों किया था सर्वे
डेयरी शिफ्टिग को लेकर नगर निगम की ओर से गत दिनों सर्वे किया गया था। इस दौरान 19 वार्डों में 300 से अधिक डेयरी मिलीं। यमुनानगर व जगाधरी की विभिन्न कालोनियों में ये डेयरियां चल रही हैं। एक-एक डेयरी में न्यूनतम पांच व अधिकतम 20 से 25 पशु हैं। जून-2019 में नगर निगम ने सख्ती बरतते हुए डेयरियों को कांप्लेक्स में शिफ्ट कर दिया था। इस दौरान कुछ डेयरियां शहर में ही रह गई थीं। ऐसे व्यवसायियों की संख्या कम नहीं है जो कांप्लेक्स में सुविधाएं न होने का हवाला देकर वापस शहर में आ गए। सुविधाओं का अभाव
नगर निगम ने चार डेयरी कांप्लेक्स दड़वा, रायपुर, औरंगाबाद व कैल में बनाए थे। जिन पर करोड़ों रुपये खर्च जा चुके हैं। इसके बावजूद डेयरियां शहर में चल रही हैं। डेयरी कांप्लेक्स में अभी भी सुविधाओं का अभाव है। रोज सफाई नहीं होती। गोबर नालों में बहाया जाता है। बरसात होते ही नाले ओवरफ्लो हो जाती हैं। दड़वा कांप्लेक्स की हालत तो इतनी खराब है कि जैसे बरसात से गांव के कच्चे रास्ते में कीचड़ हो जाता है इससे ज्यादा यहां की सड़कों पर गोबर फैल जाता है। करोड़ों हुए खर्च
वर्ष 2001 में दड़वा में 20 एकड़ जमीन खरीदने के लिए 77 लाख 75902 रुपये, सड़कों, बिजली, नालियों पर 89.57 लाख रुपये खर्च किए। यहां 241 प्लॉट हैं। रायपुर में 56.52 लाख रुपये से नौ एकड़ पांच कनाल जमीन खरीदी। सड़कों, बिजली, स्ट्रीट लाइट पर 51.65 लाख रुपये खर्चे। यहां 115 में से 105 आवंटित हो चुके हैं। औरंगाबाद में 58.84 लाख से नौ एकड़ दो कनाल जमीन खरीद गई। विकास कार्यों पर 42.54 लाख रुपये खर्चे गए। वहीं कैल में करीब 50 लाख से 12 एकड़ 19 मरले जमीन खरीदी गई। 50 लाख विकास कार्यों पर खर्च हुए। उसके बाद भी यहां काम विभिन्न काम करवाए गए।
यह आती है दिक्कत
रिहायशी क्षेत्र में चल रही डेयरियां गंदगी के साथ निकासी में भी रोड़ा बन रही हैं। डेयरियों में और उनके आसपास गोबर को जमा किया जाता है। इससे आसपास बदबू रहती है। कई जगह डेयरियों से निकलने वाला गोबर व अन्य गंदगी को नालियों व नालों और सीवरेज में छोड़ दिया जाता है, जिससे क्षेत्र में पानी निकासी की व्यवस्था चौपट हो रही है। नगर निगम बनने के बाद शहरवासियों को अधर में लटके प्रोजेक्ट के पूरे होने की आस थी, कितु निगम बनने के बाद भी डेयरियां शहर से बाहर न हो पाईं। शहर में डेयरी के कारण होती है गंदगी
शहर की विभिन्न कालोनियों में चल रही सभी डेयरियों को कांप्लेक्स में भेजा जाएगा। इसके लिए सभी को नोटिस जारी कर एक सप्ताह का समय दिया है। शहर में चल रही डेयरियों के कारण गंदगी फैलती है।
अनिल कुमार नैन, चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर, नगर निगम।