प्रापर्टी के बकायादारों पर फिर एक्शन की तैयारी, 77 को भेजे नोटिस
करीब एक माह की ब्रेक के बाद प्रापर्टी टैक्स के बकायादारों पर एक बार फिर कार्रवाई की तैयारी है। यमुनानगर व जगाधरी शहर के 77 बकायादारों को नोटिस भेजे जाने की प्रक्रिया चल रही है। काफी नोटिस भेजे जा चुके हैं। हालांकि इनको पहले भी नोटिस दिए जा चुके हैं लेकिन गंभीरता से नहीं लिया गया। यह अंतिम नोटिस है। यदि प्रापर्टी टैक्स जमा नहीं हुआ तो निश्चित तौर पर सीलिग की कार्रवाई की जाएगी।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : करीब एक माह की ब्रेक के बाद प्रापर्टी टैक्स के बकायादारों पर एक बार फिर कार्रवाई की तैयारी है। यमुनानगर व जगाधरी शहर के 77 बकायादारों को नोटिस भेजे जाने की प्रक्रिया चल रही है। काफी नोटिस भेजे जा चुके हैं। हालांकि इनको पहले भी नोटिस दिए जा चुके हैं, लेकिन गंभीरता से नहीं लिया गया। यह अंतिम नोटिस है। यदि प्रापर्टी टैक्स जमा नहीं हुआ तो निश्चित तौर पर सीलिग की कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले भी दर्जनों प्रतिष्ठान सील किए जा चुके हैं। सीलिग की कार्रवाई के बाद कइयों ने टैक्स जमा भी करवा दिया। कमिश्नर के तबादले के बाद रुक गई थी प्रक्रिया :
प्रापर्टी टैक्स के बकायादारों पर कई माह तक ताबड़-तोड़ कार्रवाई हुई। लेकिन तत्कालीन कमिश्नर धीरेंद्र खड़गटा के तबादले के बाद रुक गई। अब कमिश्नर आयुष सिन्हा के कार्यभार संभालने के बाद प्रापर्टी टैक्स के बकायादारों पर कार्रवाई फिर शुरू हो गई है। यमुनानगर-जगाधरी के जिन बकायादारों को नोटिस भेजे गए हैं, उन पर करीब चार करोड़ रुपये बकाया है। इनमें कई बड़ी फैक्ट्रियां भी शामिल हैं। बता दें कि वित्त वर्ष में नगर निगम लगभग 15 करोड़ 92 लाख रुपये प्रापर्टी टैक्स के रूप में ले पाया है। जबकि बीत वर्ष करीब 15 करोड़ रुपये की रिकवरी हो पाई थी। इस बार करीब एक करोड़ रुपये की रिकवरी अधिक हुई है। सरकारी विभागों पर भी हो कार्रवाई :
विभिन्न सरकारी विभागों के भवनों पर 15 करोड़ से अधिक प्रापर्टी टैक्स बकाया है। इनसे रिकवरी के लिए निगम की कार्रवाई केवल सरकार को पत्र लिखे जाने तक सिमट रही है। हाउस की बैठक में पार्षद यह मुद्दा उठा चुके हैं। वार्ड चार से पार्षद देवेंद्र कुमार का कहना है कि प्रापर्टी टैक्स समय पर अदा करना जरूरी है। क्योंकि टैक्स के रूप में आए पैसे से ही निगम के खर्चे चलते हैं। विकास कार्यों को गति मिलती है, लेकिन निजी प्रतिष्ठानों के साथ-साथ सरकारी भवनों पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए। जिन भवनों पर बकाया है, उनको भी सील किया जाना चाहिए।