चार सरकारी व 33 पंजीकृत अस्पतालों में ही इलाज कराएं गर्भवती महिलाएं : डा. दहिया
कोरोना महामारी की स्थिति के साथ असुरक्षित गर्भपात के कारण मृत्यु दर और रोग की गंभीरता को कम करने के लिए महिलाओं की देखभाल बेहद जरूरी है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : वर्तमान में चल रही कोरोना महामारी की स्थिति के साथ असुरक्षित गर्भपात के कारण मृत्यु दर और रोग की गंभीरता को कम करने के लिए महिलाओं की देखभाल बेहद जरूरी है। जिले में गर्भपात केवल पंजीकृत सरकारी व निजी अस्पतालों में ही हो, ताकि महिलाओं को पूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के साथ समुचित देखभाल प्रदान की जा सके। यह कहना है सिविल सर्जन डा. विजय दहिया का। वह सोमवार को केंद्र सरकार के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग की ओर से व्यापक गर्भपात देखभाल विषय पर वीडियो कांफ्रेंस में भाग ले रहे थे। उनके साथ उप सिविल सर्जन डा. पूनम चौधरी व डा. दीपिका गुप्ता भी मौजूद रहे। सिविल सर्जन ने बताया कि सुरक्षित गर्भपात की सुविधा के लिए चार सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों (जिला नागरिक अस्पताल यमुनानगर, उप-जिला नागरिक अस्पताल जगाधरी, सीएचसी बिलासपुर व नाहरपुर) पर व 33 निजी अस्पतालों को अधिकृत किया गया है। इन सरकारी व पंजीकृत संस्थानों के अलावा किसी अन्य संस्थान को गर्भपात कराने की अनुमति नहीं है। यदि कोई ऐसा कर रहा है, तो वह गलत है। ऐसे संस्थानों की औचक जांच की जाएगी और नियमानुसार कार्रवाई होगी।