Move to Jagran APP

घोटाला दबाने के लिए किसानों पर दबाव बना रहे बिजली अफसर

जागरण संवाददाता, सहारनपुर : चालीस करोड़ रुपये के चालीस करोड़ रुपये के नलकूप कनेक्शन घोटाले को दबाने के लिए प्रशासनिक और बिजली अधिकारियों ने किसानों पर दबाव बनाना शुरु कर दिया है। समझौता नहीं करने पर किसानों को एफआइआर दर्ज कराने तक की धमकियां दी जा रही हैं। बिजली अधिकारी बार-बार फोन करके समझौता करने के लिए तरह-तरह की बात कह रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 May 2018 12:37 AM (IST)Updated: Tue, 15 May 2018 12:37 AM (IST)
घोटाला दबाने के लिए किसानों पर दबाव बना रहे बिजली अफसर
घोटाला दबाने के लिए किसानों पर दबाव बना रहे बिजली अफसर

जागरण संवाददाता, सहारनपुर : चालीस करोड़ रुपये के नलकूप कनेक्शन घोटाले को दबाने के लिए प्रशासनिक और बिजली अधिकारियों ने किसानों पर दबाव बनाना शुरु कर दिया है। समझौता नहीं करने पर किसानों को एफआइआर दर्ज कराने तक की धमकियां दी जा रही हैं। बिजली अधिकारी बार-बार फोन करके समझौता करने के लिए तरह-तरह की बात कह रहे हैं। हालांकि किसानों ने समझौता करने से साफ इनकार कर दिया है।

prime article banner

दरअसल प्रतिबंधित डार्क जोन में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए ओर शासनादेश को ताक पर रखकर बिजली अधिकारियों ने 332 किसानों को नलकूप कनेक्शन दे दिए थे। इसके लिए मोटी रकम वसूली गई। रसीदें भी दी गई और पासबुक भी जारी की गई थी। लेकिन वर्तमान अधिकारियों ने इन कनेक्शन का विभाग में कोई रिकार्ड नहीं होने की बात कहकर सभी कनेक्शन अवैध घोषित करते हुए काट दिए। किसान काफी समय से कनेक्शन की पासबुक और बिलों की रसीदें लेकर परेशान घूम रहे हैं। इनमें से एक किसान हाईकोर्ट की शरण में चला गया। जिससे बिजली अफसरों में हड़कंप मच गया। इस घोटाले का राजफाश होने के बाद भी आज तक आरोपित अफसरों के खिलाफ एफआइआर तक दर्ज नहीं कराई जा सकी। जबकि इस मामले में गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कराया जाना चाहिए था। लेकिन विभाग के की वर्तमान अधिकारी आरोपितों को बचाने में जुटे हुए हैं। अब किसानों पर बिजली चोरी की एफआइआर दर्ज कराने की बात कहकर दबाव बनाया जा रहा है। किसानों से कहा जा रहा है कि दोबारा पैसा जमा करके अपने कनेक्शनों को वैध करा लो। इस मामले की पैरवी कर रहे भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष साकेस चौधरी ने बताया कि बिजली अफसर लगातार फोन करके समझौते के लिए तरह-तरह के दबाव बना रहे हैं। लेकिन कोई भी किसान दोबारा पैसा देने को तैयार नहीं है। ना ही हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका को वापस लेने को तैयार। किसानों की मांग है कि वह पहले पैसा दे चुके हैं। उनके पास तमाम रसीदें और पासबुक तक मौजूद हैं। अब दोबारा पैसा नहीं देंगे, कनेक्शन इसी दशा में चालू करने होंगे। इन्होंने कहा..

किसानों से केवल समझौते के लिए सहमत होने के लिए जिलाधिकारी के सामने कहा गया है। कोई भी दबाव नहीं बनाया गया, विभाग में इन किसानों के कनेक्शनों का कोई रिकार्ड नहीं हैं। ऐसे में इन्हें चाहिए कि जमानत राशि आदि जमा करके अपने कनेक्शनों को नियमित करा लें।

-एसई वीके शर्मा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.