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पूजा ने मसालों की महक से हराई बेरोजगारी, गृहणी से बन गई व्यवसायी

कांजनू गांव की पूजा बेरोजगार थी। एक बात हमेशा कचोटती थी कि आखिर कब अपने पैरों पर खड़ा होकर परिवार की आर्थिक मदद करूंगी। गांव में एक दिन हुई हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की बैठक ने उनको रोजगार की राह दिखाई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Apr 2021 06:02 AM (IST)Updated: Wed, 07 Apr 2021 06:02 AM (IST)
पूजा ने मसालों की महक से हराई बेरोजगारी, गृहणी से बन गई व्यवसायी
पूजा ने मसालों की महक से हराई बेरोजगारी, गृहणी से बन गई व्यवसायी

संजीव कांबोज, यमुनानगर : कांजनू गांव की पूजा बेरोजगार थी। एक बात हमेशा कचोटती थी कि आखिर कब अपने पैरों पर खड़ा होकर परिवार की आर्थिक मदद करूंगी। गांव में एक दिन हुई हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की बैठक ने उनको रोजगार की राह दिखाई। आज मसालों की सफल व्यवसायी है। हरियाणा के विभिन्न जिलों सहित अन्य राज्यों में इनकी टीम द्वारा तैयार मसाले महक बिखेर रहे हैं। खुद भी रोजगारशुदा है और गांव की अन्य महिलाओं को भी रोजगार दिया हुआ है। घरेलू कामकाज करने के साथ-साथ मसालों का कारोबार भी बेहतरी से कर रही हैं। ऐसे आया दिमाग में

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पूजा ने बताया कि वह दसवीं पास है। दो वर्ष पहले बेरोजगार थी। गांव में स्वयं सहायता समुह पहले से ही बने हुए थे, लेकिन वह उनसे जुड़ी नहीं थी। एक दिन गांव में हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से एक बैठक का आयोजन हुआ। इसमें महिलाओं को स्वरोजगार से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया गया। उन महिलाओं के उदाहरण दिए गए जिन्होंने स्वयं सहायता समुह से जुड़कर अपना व्यवसाय शुरू किया। इन महिलाओं की कार्यप्रणाली से वह काफी प्रभावित हुई। उसी दिन से उन्होंने ठान लिया कि एक दिन अपना काम जरूर शुरू करेंगी। खुद करती है मार्केटिग

पूजा ने बताया कि यमुनानगर के खेड़ा बाजार से वह कच्चा माल लेकर आती हैं। उसके बाद उनको सुखाकर पीसती हैं। घर में ही चक्की लगाई हुई है। इस दौरान क्वालिटी व स्वच्छता का विशेष रूप से ध्यान दिया जाता है। बाद में वह स्वयं और उसकी टीम में शामिल महिलाएं मसालों की पैकिग करती हैं। इन दिनों गर्म मसाले व हल्दी तैयार कर रही है। पैकिग के बाद खुद ही बाजार में मार्केटिग करती है। प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी उनकी टीम द्वारा मसाले बेचे जा रहे हैं। मिशन ने दी थी वित्तीय सहायता

काम शुरू करने के लिए उनके पास अपना पैसा नहीं है। मिशन की ओर से उनको एक लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी थी। यह लोन अब चुका दिया है। मसाले बेचकर अब वह अच्छी कमाई कर रही हैं। कोरोना के कारण थोड़ी मंदी का सामना करना पड़ा, लेकिन अब स्थिति में सुधार है। मिशन की ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर राजकुमारी का कहना है कि पूजा व उसकी टीम मसालों का अच्छा व्यवसाय कर रही है। अन्य बेरोजगार महिलाओं को इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।


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