लॉकडाउन में प्रदूषण का स्तर घटा लेकिन अब भी पिछले साल से ज्यादा
लॉकडाउन 2020 की तरह इस बार भी लगा है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : लॉकडाउन 2020 की तरह इस बार भी लगा है। दोनों ही बार प्रदूषण का स्तर सामान्य दिनों की अपेक्षा कम रहा। जिससे लोगों को एक बार फिर प्रदूषण मुक्त हवा में सांस लेने का मौका मिला। परंतु दोनों साल के लॉकडाउन में बड़ा अंतर है। इस साल प्रदूषण का स्तर भले ही कम हो गया हो लेकिन यह गत वर्ष की तुलना में अभी भी दोगुना से अधिक है। ऐसा न केवल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़े हकीकत बयां कर रहे हैं। बल्कि लोगों की जुबान पर भी यही बात है। गत वर्ष लगे लॉकडाउन के बाद प्रकृति में जो बदलाव आया था उसे लोग सालों तक नहीं भूल पाएंगे। गत वर्ष एक्यूआइ 32 तक पहुंच गया था। पहले सप्ताह में एक्यूआइ अधिकतम 88 तक गया था जबकि इस बार यह 201 तक पहुंच गया।
वाहनों का धुंआ भी फैला रहा प्रदूषण
2020 के लॉकडाउन में आपात स्थिति में लगे वाहनों को छोड़ कर अन्य सभी वाहनों के पहिये थम गए थे। बिना वाहनों के सड़कें सुनसान रहती थी। परंतु अब लॉकडाउन तो लगा है लेकिन प्रशासन ने जरूरी सामान की दुकानें खोलने की अनुमति सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक दे रखी है। इसलिए लोग दोपहर तक तो सड़कों पर घूमते ही हैं साथ में इसके बाद भी बेवजह सड़कों पर घूम रहे हैं। सड़कों पर सामान्य दिनों की तरफ वाहनों की भीड़ है। वाहनों का काला धुंआ प्रदूषण फैलने का बड़ा कारण है। यही वजह है कि इस बार शहरों में न तो कोयल की आवाज सुनाई पड़ रही है और न ही शहर में रहते हुए हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों की चोटियां दिख रही हैं। 2020 व 2021 में एक्यूआइ में अंतर
तारीख 2021 2020
1 मई 300 99
2 मई 208 104
3 मई 165 100
4 मई 160 88
5 मई 128 75
6 मई 182 95
7 मई 82 99
8 मई 201 103
9 मई 107 129
10 मई 196 116
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2021 व 2020 में लॉकडाउन के पहले सप्ताह में एक्यूआइ
दिन 2021 2020
पहला दिन 165 88
दूसरा दिन 160 54
तीसरा दिन 128 59
चौथा दिन 182 32
पांचवा दिन 82 40
छठा दिन 201 52
सातवां दिन 107 60