सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर पुलिसकर्मी की पत्नी ने ठगे पांच लाख, कर्मी-बोले यह मेरी पत्नी नहीं
कुरुक्षेत्र के बोडला गांव के धर्मेद्र सिंह से बेटे की सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर पांच लाख रुपये की ठगी कर ली गई। आरोप पुलिसकर्मी निर्मल सिंह और उसकी पत्नी पूनम पर लगा है। करीब दो साल बीतने के बाद जब बेटे की नौकरी नहीं लगी तो उसने पैसे वापस मांगे। आरोप है कि वे झूठे केस में फंसाने की धमकी देने लगे।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कुरुक्षेत्र के बोडला गांव के धर्मेद्र सिंह से बेटे की सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर पांच लाख रुपये की ठगी कर ली गई। आरोप पुलिसकर्मी निर्मल सिंह और उसकी पत्नी पूनम पर लगा है। करीब दो साल बीतने के बाद जब बेटे की नौकरी नहीं लगी, तो उसने पैसे वापस मांगे। आरोप है कि वे झूठे केस में फंसाने की धमकी देने लगे। शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच डीएसपी हेडक्वार्टर ने की। उसमें निर्मल सिंह पर लगे आरोप सही नहीं पाए गए, लेकिन उसकी पत्नी ने जरूर पीड़ितों से पैसे लिए। इसके आधार पर ही उसके खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है।
बता दें कि निर्मल सिंह तत्कालीन स्पीकर की सुरक्षा में रह चुका है। उसका कहना है कि पूनम उसकी पत्नी नहीं है। उसको फंसाने के लिए झूठे आरोप लग रहे हैं। जांच में सब सामने आ गया है।
धर्मेद्र सिंह ने पुलिस बताया कि गांव महलावाली में पंडित यशपाल शर्मा और उसके पुत्र अमित कुमार के पास आना जाना है। दोनों तंत्र-मंत्र का कार्य करते हैं। उनके पास ही निर्मल सिंह की पत्नी पूनम से उनकी जान पहचान हुई। पूनम ने कहा कि उसका पति निर्मल तत्कालीन स्पीकर की सुरक्षा में है। उसकी उनसे अच्छी जान पहचान है। वह उसके पति के कहने पर नौकरी लगवा देंगे। पूनम ने उसकी बात निर्मल से करा दी। निर्मल ने उसके लड़के कुलदीप की नौकरी लगवाने के नाम पर पैसे मांगे और पैसे पूनम को देने के लिए कहा। साथ ही कहा कि नौकरी नहीं लगी, तो पैसे वापस कर देंगे। उसके बाद फरवरी, 2017 में निर्मल सिंह और उसकी पत्नी पूनम को गांव महलावाली में यशपाल शर्मा के घर पर पांच लाख रुपये दिए। गारंटी के तौर पर निर्मल ने अपनी पत्नी से सात लाख रुपये का चेक दिया और एक वर्ष का समय लिया। दो साल बीतने के बाद भी बेटे की नौकरी नहीं लगी तो चेक बैंक में लगाया। बाउंस होने पर उनसे पैसे वापस मांगे तो वह झूठे केस में फंसाने की धमकी देने लगा। परेशान होकर गत 2 जुलाई को एसपी के पास शिकायत दी। जांच डीएसपी के पास पहुंची। यह भी आरोप है कि डीएसपी के रीडर ने उन्हें बयान लेने के लिए बुलाया और धमका कर बयान लिए।
यह है डीएसपी की रिपोर्ट
डीएसपी हेडक्वार्टर सुभाष चंद ने धर्मेद्र सिंह की शिकायत की जांच की। उसमें यशपाल शर्मा समेत कई अन्य लोगों के बयान लिए। किसी ने भी निर्मल सिंह के पैसे लेने की बात नहीं कही। पूनम का महलावली गांव में आना जाना था। यहां पर उसने ही पैसे लिए हैं। इसके लिए उसने अपने नाम से सात लाख रुपये का चेक भी गारंटी के तौर पर दिया था। अब वह झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रही है, इसलिए इस केस में पंजाब के जिला पटियाला के गरडी नगर निवासी पूनम ने ही धोखाधड़ी की है।