श्राद्ध में पितरों के नाम के लगाएं पौधा, लोगों को छाया और पक्षियों को आश्रय, इससे बड़ा पुण्य कोई नहीं
इसके लिए जनता का सहयोग चाहिए। तभी पया्रवरण को बचाया जा सकता है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
राज्य का वन क्षेत्र कुल भौगोलिक क्षेत्र का सात फीसद के समान है। इसको 20 फीसद पर लेकर जाना है। ये काम सरकार अकेले नहीं कर सकती। इसके लिए जनता का सहयोग चाहिए। तभी पर्यावरण को बचाया जा सकता है। इस बार रक्षाबंधन और आने वाले श्राद्ध में पितरों के नाम पेड़ लगाएं तो ये लक्ष्य आसानी से पूरा हो जाए। उक्त शब्द वन मंत्री कंवरपाल ने पैतृक गांव बहादुरपुर में पंचायती भूमि पर औषधीय फल उद्यान स्थापना कार्यक्रम के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि इस प्रयास से पर्यावरण बचाने के साथ लोगों को छाया और पक्षियों को आश्रय मिलेगा। इससे बड़ा पुण्य कोई नहीं हो सकता। ये भी याद रहेगा कि हमने ये पौधा अपनों की याद में लगाया है। ये सूखेगा नहीं और न ही इसको नुकसान पहुंचाने दिया जाएगा। इससे लगाव हो जाएगा। ये ही लगाव सभी की मन में पैदा होना जरूरी है। सरकार की ओर से अब ग्राम पंचायतों की जमीन पर फलीय पौधे लगाए जा रहे हैं। बाग तैयार होने पर यह पंचायत के हैंडओवर कर दिया जाएगा। जिससे ग्राम पंचायत को आमदनी भी होगी। वन मंत्री कंवरपाल ने गांव ममदूबांस कलेसर में आयोजित यमुना उत्सव में यमुना के किनारे पौधारोपण किया और कहा कि वर्षा ऋतु में यमुना नदी के किनारे जो जिले लगते हैं, उन जिलों में पवित्र नदी यमुना के किनारे बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया जाएगा ताकि हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहे औषधीय पौधे भी लगाए गए। बहादुरपुर गांव में 20 एकड़ जमीन में फल व छायादार 2500 पौधे लगाए गए। वन्य प्रजातियों को भी बचाना जरूरी :
वन मंत्री ने कहा कि फलदार व छायादार पेड़ न होने के कारण चीड़िया जैसे वन्य जीवों की प्रजातियां खतरे में है। उनको रहने के लिए आश्रय नहीं मिल पाता। इसका नुकसान किसानों को होता है। फसलों में बीमारियां बढ़ रही हैं। उन्होंने महिलाओं को संदेश दिया कि चूंकि इस बार कोविड-19 की वजह से रक्षाबंधन के अवसर पर अपने भाईयों के पास नहीं जा सकती, इसलिए वे एक पौधा लगाकर भाई समझकर राखी बांधे व उसकी सुरक्षा का प्रण लें। इस वर्ष रक्षा बंधन के अवसर पर एक लाख पौधे वन विभाग द्वारा गठित स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा लगाए जाएंगे। औषधीय फल उद्यान बहादुरपुर का क्षेत्रफल 20 एकड़ है। इसमें आम, अमरूद, लीची, आडू, नींबू, बहेड़ा, आंवला, हरड़, जामुन व अन्य प्रजातियों के औषधीय पौधे लगाए जा रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे लगे पौधों का ध्यान से पालन-पोषण व संरक्षण करें ताकि यह पौधे छाया, फल व पंचायतों को आमदनी दे सकें और हमारा पर्यावरण भी स्वच्छ बन सके। 50 गांवों में होगा पौधारोपण
कार्यक्रम में हरियाणा की प्रधान मुख्य वन संरक्षक डा. अमरिद्र कौर ने कहा कि पौधारोपण के लिए प्रदेश के 1126 गांवों को चिन्हित किया है। इस वर्ष प्रत्येक जिले के 50 गांवों में पौधारोपण किया जाएगा। वर्ष 2020-21 में वन विभाग द्वारा प्रदेश में एक करोड़ 25 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसका 60 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। इस मौके पर मुख्य वन संरक्षक उत्तरी परिमंडल जी रमन, मुख्य वन संरक्षक प्रचार एवं प्रशिक्षण डा. टीपी सिंह, डीएफओ सूरजभान व अन्य उपस्थित रहे।