बादलों की आहट से सहम जाते शहरवासी, अभी सफाई का एक चरण ही पूरा, अतिक्रमण से बढ़ेगी परेशानी
अतिक्रमण परेशानी बढ़ा सकता है। दूसरा निकासी योजनाएं अधूरी हैं।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : मानसून सीजन दस्तक दे रहा है। निकासी को लेकर शहर तैयार नहीं है। नालों की सफाई का पहला चरण ही पूरा हुआ है। अतिक्रमण परेशानी बढ़ा सकता है। दूसरा, निकासी योजनाएं अधूरी हैं। बारिश होने पर जगाधरी शहर, मॉडल टाउन, गोविदपुरी रोड, सरोजनी कालोनी, कैंप एरिया, वर्कशाप रोड, आइटीआइ, चांदपुर, जम्मू कालोनी, विष्णु नगर, कृष्णा कालोनी, हरिनगर, मॉर्डन कालोनी, टैगोर गार्डन, बैंक कालोनी, लाजपत नगर और प्रोफेसर कालोनी जलमग्न हो जाती है। ऐसे में यहां के लोगों को बारिश के दौरान काफी परेशानी होती है। ट्विन सिटी में हैं 38 नाले
यमुनानगर-जगाधरी में पानी निकासी के लिए बड़े-छोटे 38 नाले हैं। ये नाले जगाधरी शहर की विभिन्न कालोनियों से होते हुए एसटीपी तक पहुंचते हैं। इनकी लंबाई करीब 70 किलोमीटर है। सफाई काम शुरू हो गया है। डीसी मुकुल कुमार ने भी निकासी की व्यवस्था का जायजा लिया था। निगम ने 100 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। चार चरणों में सफाई का काम पूरा करना है।
यह योजना अधूरी
निकासी के लिए अमरुत योजना के तहत भाई कन्हैया साहिब चौक से डिच ड्रेन तक 9.15 करोड़ रुपये की लागत से 4500 मीटर सीवर लाइन डाली जा रही है। काम पूरा हो जाए तो निकासी की दिक्कत दूर हो जाएगी। लाइन नेशनल हाईवे के साथ जम्मू कालोनी होते हुए डिच ड्रेन तक पहुंचेगी। योजना अभी अधर में है। ये काम भी प्रोसेस में
वार्ड-12 में निकासी पर 39 लाख 80 हजार रुपये खर्च किए जाएंगे। निकासी के लिए यहां पाइप लाइन बिछाए जाने की योजना है। इस कार्य के लिए टेंडर कॉल किया गया है। प्रोफेसर कालोनी निवासी एचडी सिंह का कहना है शहर में पानी की निकासी की व्यवस्था दुरुस्त होना जरूरी है। बारिश के सीजन में हर वर्ष परेशानी झेलनी पड़ रही है। आज तक प्रशासन शहर में पानी की निकासी की व्यवस्था को दुरुस्त नहीं करवा पाया।
रामधन का कहना है कि निकासी की समस्या गंभीर है। मानसून सीजन में परेशानी बढ़ जाती है। यमुनानगर व जगाधरी की काफी कालोनी जलमग्न हो जाती है। घरों में नाले का गंदा पानी घुस जाता है।
गेट पर रोक बनाई है
रेजीडेंट वेलफेयर सोसायटी के प्रधान जीके भारद्वाज का कहना है कि जब तक जिम खाना क्लब के पास नाले की सफाई नहीं हो पाती। इसी कारण से कालोनी में जलभराव होता है। अब अपने पैसे से गेट पर जलभराव रोकने के लिए रोक बनवाई है।
कमरों के अंदर भी बनवाई रोक : राजीव शर्मा कहते हैं कि जलभराव से नुकसान होता है। गेट के अलावा अंदर कमरों में भी जलभराव रोकने के लिए ईंटों से रोक बनवाई हुई है। जनप्रतिनिधि व अधिकारी इसका ठोस हल निकालें। काम चल रहा है
नालों की सफाई का काम चल रहा है। क्षेत्र के लोग भी सहयोग करें। नालों में बोरी-कट्टा, कचरा या अन्य किसी भी तरह का वेस्ट न डालें। यही समस्या बढ़ाते हैं।
नगर निगम कमीश्नर यमुनानगर धर्मबीर सिंह