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चुनाव का गणित लगा रहे लोग

नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। प्रशासन छंटनी में लगा है तो नेता प्रचार में और जनता चुनाव चटकारों में। जहां भी लोग बैठते है वहां चुनाव को लेकर चर्चा शुरू हो जाती है। चाहे कोई सैर करने आ रहा हो या दो लोग बैठे हैं। नेहरू पार्क में सैर के लिए आए लोगों में यही चर्चा हो रही थी कि किस का जोर है इस बार। दूसरा बोला भाई खिलेगा तो कमल तो कोई ऐनक व पंजे का दीवाना था।

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 08:40 AM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 08:40 AM (IST)
चुनाव का गणित लगा रहे लोग
चुनाव का गणित लगा रहे लोग

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। प्रशासन छंटनी में लगा है, तो नेता प्रचार में और जनता चुनाव चटकारों में। जहां भी लोग बैठते है, वहां चुनाव को लेकर चर्चा शुरू हो जाती है। चाहे कोई सैर करने आ रहा हो, या दो लोग बैठे हैं। नेहरू पार्क में सैर के लिए आए लोगों में यही चर्चा हो रही थी कि किस का जोर है इस बार। दूसरा बोला भाई खिलेगा तो कमल तो कोई ऐनक व पंजे का दीवाना था।

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प्रत्याशियों की स्थिति चर्चा का हिस्सा

पार्क में सजी चौपाल पर लोग आपस में चर्चा कर रहे थे कि चुनाव है, कोई बच्चों का खेल नहीं। अपना वोट योग्य प्रत्याशी को वोट देंगे। क्या हमारा जन्म धूल और प्रदूषण झेलने के लिए ही हुआ है। ठीक कहते हो भैया, आखिर हमें भी तो स्वस्थ जिदगी जीने का हक है।

भला ऐसे विकास का क्या फायदा हमारा वोट उसी को जो शहर की सेहत और रोजी-रोटी के लिए युवाओं के काम का ख्याल रखें। साथ ही किस पार्टी को वोट देंगे। बबलू साहनी, अमनदीप सिंह, राजीव, अनिल रेहानी, प्रदीप गुप्ता, गुरप्रीत सिंह, डॉक्टर कृष्ण कुमार तनेजा व अशोक चोपड़ा के मंथन चल रहा है। इस बार किसकी चाल मजबूत रहेगी। इसके के लिए समीकरण गढ़े जा रहे हैं। प्रत्याशियों के पूर्व इतिहास पर चर्चा इनके बीच में होती है। इन दिनों चुनाव के अलावा दूसरी चर्चा नहीं होती। पार्टियों का चुनावी एजेंडा व घोषणा पत्र क्या होगा, इसको लेकर भी लोगों में उत्सुकता बनी हुई है। किस पार्टी का प्रत्याशी इस बार मजबूत स्थिति में है, किस प्रत्याशी की स्थिति इस बार कमजोर रहेगी। जाति वर्ग का वोट किसे जाएंगे। तमाम बिदुओं पर चुनावी पंडित माथा पच्ची करते हुए चुनाव का गणित लगा रहे हैं। यह भी चर्चा थी कि सरकार से कोई नाराजगी नहीं है। सरकार व्यापारियों के बारे में भी सोचें।

वोट हमारी ताकत

यहां बैठे लोगों का यह भी कहना था कि वास्तविकता यह भी है कि जाति मजहब के नाम पर वोट मांगने का काम करके ये नेता ही लोगों को बांटते हैं। हर एक वोट का अपना महत्व है। वोट हमारी ताकत है। हमारा वोट उस नेता का जाएगा जो हमारे दुख सुख में हमारा साथी होगा।


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