एनजीटी की सख्ती : अब नालियों में नहीं बहेगा डेयरी कॉम्प्लेक्स का गोबर, नहीं उठाने पर हर दिन 7500 रुपये जुर्माना
नगर निगम एरिया में चल रहे चार डेयरी कॉम्प्लेक्स में गोबर के बहने पर अब एनजीटी की ओर से रोज जुर्माना वसूला जाएगा।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
नगर निगम एरिया में चल रहे चार डेयरी कॉम्प्लेक्स में गोबर के उठान व नालियों की सफाई को लेकर अब एनजीटी सख्त हो गई है। कड़े निर्देशों के बाद नगर निगम ने चारों कॉम्प्लेक्स में सफाई का काम एजेंसी से करवाने का निर्णय लिया। नियमानुसार ठेकेदार को हर दिन गोबर उठाना होगा। न उठाने पर प्रतिदिन 7500 रुपये के जुर्माने लगाया जा सकता है। बता दें कि एक भी डेयरी कॉम्प्लेक्स में सफाई की व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। पशुओं का गोबर नालियों में बह रहा है। जिसके कारण न केवल सीवरेज लाइनें ब्लॉक हो रही हैं बल्कि व्यवसायियों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शहर में भी चल रही डेयरियां
कांप्लेक्स होने के बावजूद यमुनानगर व जगाधरी की विभिन्न कालोनियों में डेयरियां चल रही हैं। एक-एक डेयरी में न्यूनतम पांच व अधिकतम 20 से 25 पशु हैं। जून-2019 में नगर निगम ने सख्ती बरतते हुए डेयरियों को कांप्लेक्स में शिफ्ट कर दिया था। इस दौरान कुछ डेयरियां शहर में ही रह गई थीं। ऐसे व्यवसायियों की संख्या कम नहीं है जो कांप्लेक्स में सुविधाएं न होने का हवाला देकर वापस शहर में आ गए। प्रोफेसर कालोनी व आजाद नगर सहित जगाधरी की अन्य कालोनियों में डेयरियां चल रही हैं। हालांकि गत माह शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने व्यवसायियों को कांप्लेक्स में शिफ्ट करने के निर्देश जारी किए थे, लेकिन ये डेयरियां अभी भी कालोनियों में ही चल रही हैं। यहां हैं डेयरी कॉम्पलेक्स
नगर निगम ने चार डेयरी कांप्लेक्स दड़वा, रायपुर, औरंगाबाद व कैल में बनाए गए हैं। इन पर करोड़ों रुपये खर्च जा चुके हैं। इसके बावजूद डेयरियां शहर में चल रही हैं। डेयरी कॉम्प्लेक्स में अभी भी सुविधाओं का अभाव है, रोज सफाई नहीं होती। गोबर नालों में बहाया जाता है। बरसात होते ही नाले ओवरफ्लो हो जाती हैं। दड़वा कॉम्प्लेक्स की हालत तो इतनी खराब है कि जैसे बरसात से गांव के कच्चे रास्ते में कीचड़ हो जाता है इससे ज्यादा यहां की सड़कों पर गोबर फैल जाता है। यह आती है दिक्कत
डेयरियों से निकल रही गंदगी निकासी में भी रोड़ा बन रही हैं। डेयरियों में और उनके आसपास गोबर को जमा किया जाता है। इससे आसपास बदबू रहती है। कई जगह डेयरियों से निकलने वाला गोबर व अन्य गंदगी को नालियों व नालों और सीवरेज में छोड़ दिया जाता है, जिससे क्षेत्र में पानी निकासी की व्यवस्था चौपट हो रही है। नगर निगम बनने के बाद शहरवासियों को अधर में लटके प्रोजेक्ट के पूरे होने की आस थी, लेकिन निगम बनने के बाद भी डेयरियां शहर से बाहर न हो पाईं। जल्द करें व्यवस्था
डेयरी व्यवसायी संजय पाहवा, अशोक वाही, कुशल, पंकज ओबरॉय, पुनीत लांबा, गोविद राम, बाबू राम व बेली राम का कहना है कि डेयरी कॉम्प्लेक्स में नियमित रूप से सफाई की व्यवस्था की जानी चाहिए। यहां सफाई न होने के कारण व्यवसायी परेशान हैं। दूसरा, कॉम्प्लेक्स में पशु चिकित्सकों की व्यवस्था नहीं है। पशु के बीमार होने पर परेशानी बढ़ जाती है। नालियों में गंदगी जमा होने के कारण गलियों में गंदा पानी बह रहा है।