सामाजिक मुद्दों व विसंगतियों पर वार के लिए कलम को बनाया हथियार
सामाजिक मुद्दों व विसंगतियों पर वार के लिए हुडा सेक्टर-18 निवासी अध्यापक व लेखक ब्रह्मदत्त शर्मा ने कलम को हथियार बना लिया। वर्ष-2009 से लगातार अपने लेखन कार्यों से समाज को नई दिशा देने व महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। अध्यापन कार्य के बाद छुट्टी के दिन बस लेखन ही इनका काम होता है। उत्कृष्ट लेखन की बदौलत न केवल विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : सामाजिक मुद्दों व विसंगतियों पर वार के लिए हुडा सेक्टर-18 निवासी अध्यापक व लेखक ब्रह्मदत्त शर्मा ने कलम को हथियार बना लिया। वर्ष-2009 से लगातार अपने लेखन कार्यों से समाज को नई दिशा देने व महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। अध्यापन कार्य के बाद छुट्टी के दिन बस लेखन ही इनका काम होता है। उत्कृष्ट लेखन की बदौलत न केवल विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं। हिदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए विश्व हिदी सचिवालय की ओर से मोरिशिस में आयोजित कहानी प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया था। इसमें उनकी कहानी पीठासीन अधिकारी को प्रथम पुरस्कार मिला था। तीन कहानी संग्रह व एक उपन्यास लिखा :
ब्रह्मदत्त शर्मा तीन कहानी संग्रह व एक उपन्यास लिख चुके हैं। एक कहानी संग्रह में 10 कहानियां शामिल हैं। सभी कहानियां सामाजिक, राजनीतिक, वर्तमान की सामाजिक समस्याएं, आर्थिक व धार्मिक मुद्दों पर फोकस करती हैं। वर्ष-2009 में उन्होंने लेखन कार्य शुरू किया। पहली कहानी कातिल कौन.. थी। ठहरे हुए पल.. उपन्यास उत्तराखंड त्रासदी पर आधारित है। ब्रह्म दत्त शर्मा ने बताया कि वह स्वयं परिवार के साथ उत्तराखंड त्रासदी में फंस गया था। यह उपन्यास काफी चर्चित रहा है। यह एक भुगतभोगी लेखक का लिखा हुआ उपन्यास है। उन्होंने त्रासदी के अनुभवों को प्रभावी ढंग से कलमबद्ध किया। यह भी जानिए
ब्रह्मदत्त शर्मा एमए (अंग्रेजी) व बीएड पास हैं। इन्होंने वर्ष-2010 में कहानी संग्रह चालीस पार, वर्ष-2014 में मिस्टर देवदास व वर्ष 2020 में पीठासीन अधिकारी कहानी संग्रह प्रकाशित हुआ। उपन्यास ठहरे हुए पलों में वर्ष- 2016 में प्रकाशित हुआ। विश्व हिदी सचिवालय मोरिशस द्वारा आयोजित विश्व हिदी कहानी प्रतियोगिता 2019 में प्रथम स्थान हासिल किया। हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित कहानी प्रतियोगिता 2015 में द्वितीय पुरस्कार, मां धनपति देवी समृति कथा साहित्य सम्मान 2017 (सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश), अखिल भारतीय डा. कुमुद टिक्कू कहानी प्रतियोगिता पुरस्कार 2017 (जयपुर, राजस्थान) बृजभूषण भारद्वाज एडवोकेट समृति साहित्य सम्मान 2015 (कैथल, हरियाणा), वर्ष-2018 में डा. महाराजा कृष्ण जैन स्मृति सम्मान हासिल किया लेखन ही मुख्य कार्य :
ब्रह्मदत्त शर्मा ने बताया कि वह मौजूदा समय में सामाजिक विज्ञान विषय के अध्यापक हैं। इन दिनों राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पाबनी कलां में सेवाएं दे रहे हैं। इससे पहले कई वर्ष तक एसडी सीनियर सेकेंडरी स्कूल जगाधरी में बतौर अध्यापक कार्यरत रहे। उनका कहना है कि लेखन ही उनका मुख्य कार्य है। पांच वर्ष से लगातार उपन्यास लिख रहे हैं। अध्यापन कार्य के बाद पूरा समय लेखन को देते हैं। छुट्टी के दिन भी उनका बस यही कार्य होता है। हर दिन पांच-छह घंटे लेखन कार्य में लगाते हैं। .. ताकि बेटियों को मिले सम्मान :
हरियाणा में ऐतिहासिक पहल करते हुए 20 सितंबर 2015 में उन्होंने आनली डाटर पेरेंट्स एसोसिएशन का गठन किया। इसका मकसद समाज में बेटियों को सम्मान व अभिभावकों का सिर गर्व से उंचा रखना है। विस्तार न केवल यमुनानगर जिला बल्कि पूरे प्रदेश में किया गया। ब्रह्म दत्त शर्मा ने बताया कि उनकी दो बेटियां हैं और जितना प्यार वह अपनी बेटियों से करते हैं, उतना ही पूरे भारतवर्ष की बेटियों से करते हैं। उनके दिल की इच्छा है कि हर बेटी और बेटी के माता-पिता अपने आप पर गर्व महसूस करें। बेटियों के अभिभावक एक प्लटेफार्म पर आएं। दूसरा, बेटियों की सुरक्षा व उनके कल्याण की भावना जागृत हुई और बेटा-बेटी के बीच अंतर की खाई दूर हुई।