72 घंटे में पेमेंट का दावा, दो सप्ताह बाद भी किसानों की जेब खाली
72 घंटे में पेमेंट का दावा हवा-हवाई साबित हुआ है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : 72 घंटे में पेमेंट का दावा हवा-हवाई साबित हुआ है। दो अप्रैल के बाद किसानों के खाते में पेमेंट नहीं पहुंची। जिले की 13 अनाज मंडियों में डेढ़ लाख एमटी गेहूं की आवक हो चुकी है। करीब तीन सौ करोड़ रुपये बकाया है। मंडियों में गेहूं की आवक जोरों पर है। किसानों को पेमेंट न होने के कारण आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि आगामी फसल की तैयारी के लिए उनको पैसा चाहिए। हालांकि पेमेंट की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए इस बार सीधे किसानों के खाते में डालने की प्रक्रिया शुरू की है। किस मंडी में कितनी खरीद
बिलासपुर : 16024
छछरौली : 19440
जगाधरी : 20657
जठलाना : 1867
खारवन : 3100
प्रतापनगर : 22854
सरस्वतीनगर : 31881
रादौर : 18112
रणजीतपुर : 4989
रसूलपुर : 5230
साढौरा : 10926
यमुनानगर : 343
नोट : गेहूं का डाटा मीट्रिक टन में हैं। 15 दिन बाद भी नहीं पेमेंट
उन्हेंड़ी के किसान व भारतीय किसान संघ के प्रदेशमंत्री रामबीर सिंह चौहान ने बताया कि उन्होंने आठ दिन पहले लाडवा अनाज मंडी में गेहूं बेचा था, जिसकी पेमेंट आज तक नहीं हुई है। सरकार दावा कर रही है कि किसानों के खाते में गेहूं बेचने के 72 घंटे बाद पेमेंट डाल दी जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। 15 दिन बाद भी किसानों को उनकी गेहूं की पेमेंट नहीं हो रही है। 10 दिन बाद भी नहीं मिला पैसा
लालछप्पर के किसान जंगशेर सिंह राणा का कहना है कि उन्होंने 10 दिन पहले जठलाना अनाज मंडी में गेहूं बेचा था। उनकी पेमेंट आज तक नहीं हुई है। किसानों को इन दिनों आगामी फसल की बिजाई की तैयारी करनी है। जल्द भुगतान किया जाए। तकनीकी कारणों से रुकी पेमेंट
गेहूं की पेमेंट की प्रक्रिया चल रही है। डीएफएसी की पांच अप्रैल तक की पेमेंट आ गई है, जबकि वेयर हाउस की पेमेंट तकनीकी कारणों के चलते रुकी थी। आज शुरू हो जाएगी।
सुशील कुमार, एसडीएम, जगाधरी।