वेद में स्त्री को दी गई है मातृदेव की संज्ञा : पांडे
श्रीबालाजी मंदिर के महंत अवध बिहारी पांडे ने कहा कि वेद में स्त्री को मातृदेव की संज्ञा दी गई है परंतु आज समाज में सबसे ज्यादा अत्याचार नारियों पर हो रहा है। दहेज के लोभियों ने जगह-जगह स्त्रियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। भ्रूणहत्या किया जा रहा है इसी जघन्य अपराध के कारण हमारा देश और समाज पतन के गर्भ में जा रहा है।
संवाद सहयोगी, रादौर : श्रीबालाजी मंदिर के महंत अवध बिहारी पांडे ने कहा कि वेद में स्त्री को मातृदेव की संज्ञा दी गई है, परंतु आज समाज में सबसे ज्यादा अत्याचार नारियों पर हो रहा है। दहेज के लोभियों ने जगह-जगह स्त्रियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। भ्रूणहत्या किया जा रहा है, इसी जघन्य अपराध के कारण हमारा देश और समाज पतन के गर्भ में जा रहा है। भगवान कृष्ण और भगवान राम के द्वारा नारी जाति को भी संपूर्ण सम्मान दिया गया। जहां राम के ताड़का जैसी राक्षसी को मातृ पद प्रदान कर मुक्त कर दिया, जबकि भगवान श्री कृष्ण ने बृज के प्रत्येक गोपी को शक्ति का स्वरूप मानकर संपूर्ण प्रतिष्ठा प्रदान की महारास में भगवान कृष्ण ने स्वयं श्री राधिका से कहा है। राधे मैं अपने अवतार लीला में जो कुछ भी करता हूं। वो तुम्हारे कृपा का ही प्रसाद है। अपने कनिष्टका पर गोवर्धन धारण करने के पहले भगवान श्री कृष्ण ने पांच श्लोकों गोवर्धन धारण किया।