Move to Jagran APP

दूसरे दिन भी नहीं हुई धान की खरीद, किसानों ने लगाया जाम

जिले की अनाज मंडियों में दूसरे दिन भी धान की खरीद नहीं हुई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 06:05 AM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 06:05 AM (IST)
दूसरे दिन भी नहीं हुई धान की खरीद, किसानों ने लगाया जाम
दूसरे दिन भी नहीं हुई धान की खरीद, किसानों ने लगाया जाम

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : जिले की अनाज मंडियों में दूसरे दिन भी धान की खरीद नहीं हुई। व्यवस्था में खामियों का आरोप लगाते हुए आढ़ती हड़ताल पर रहे। हालांकि हैफेड के अधिकारी सुबह ही खरीद के लिए अनाज मंडी में गए, लेकिन आढ़तियों ने इंकार कर दिया। उधर, भारतीय किसान यूनियन भी आढ़तियों के समर्थन में आ गई है। मार्केट कमेटी कार्यालय में धरना देने के बाद यमुनानगर-अंबाला पुराना नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया। बाद में एसडीएम दर्शन सिंह किसानों के बीच पहुंचे और उनकी समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया। आढ़तियों ने अपनी हड़ताल जारी रखी। उधर, अनाज मंडियों में हालात बिगड़े हुए हैं। प्रशासन के हाथ-पांव फूले

loksabha election banner

किसानों ने सड़क के बीचोबीच ट्रॉलियां खड़ी कर दी। जाम लगाने की सूचना से प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। हाईवे के दोनों ओर वाहनों की कतारें लगने लगीं। सूचना मिलने पर पुलिस ने रूट डाइवर्ट कर यातायात व्यवस्था सुचारू करवाई। इस दौरान एसपी कमलदीप गोयल स्वयं धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने सचिवालय के दोनों गेट बंद करवा दिए। क्योंकि प्रशासन को इस बात की आशंका थी कि कहीं किसान धान की ट्रालियां लेकर सचिवालय परिसर में न आ जाएं। एक दिन पहले ही किसानों ने यह एलान किया था। सचिवालय के दोनों गेटों पर सुबह से पुलिस बल तैनात रहा।

एसडीएम दर्शन कुमार ने दिया आश्वासन तब खुला जाम

किसानों ने करीब एक घंटे तक जाम लगाए रखा। हालांकि जाम के दौरान आढ़तियों की संख्या कम रही। जगाधरी अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान भी दिखाई नहीं दिए। मार्केट कमेटी कार्यालय में धरना देने के बाद चार-पांच आढ़तियों को छोड़कर बाकी ने इधर-उधर रुख कर लिया। जाम लगाने वालों में किसानों की संख्या अधिक थी। किसानों के साथ-साथ अनाज मंडी गेट पर धरने पर बैठक बर्खाश्त पीटीआइ व आशा वर्कर भी सड़क पर आ गए और किसानों को समर्थन दिया। एसडीएम ने आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का समाधान कराया जाएगा। आढ़ती व मार्केट कमेटी की व्यवस्था के अनुरूप ही किसानों को मैसेज भेजकर अवगत कराया जाएगा। इस प्रक्रिया में किसानों को दिक्कत नहीं आएगी। उठान को लेकर कहा कि दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। 19 फीसद नमी तक फसल खरीदे जाने पर सहमति बन गई। यह है किसान और आढ़तियों की मांग

आढ़ती मनीष कुमार, सुखदेव, जिले सिंह व अन्य का कहना है कि सरकार ने धान की खरीद की जो नई व्यवस्था लागू की है, उसमें भारी खामियां हैं। गेट पास के नाम पर किसानों को उलझाया जा रहा है। मंडी में जो भी किसान आए सभी की फसल खरीदी जाए। इसके अलावा मिलर से अभी तक एग्रीमेंट नहीं हुआ है। किसानों को पेमेंट में भी दिक्कत आएगी। किसान कहां लेकर जाए धान

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश संगठन सचिव हरपाल सुढल का कहना था कि किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए पापड़ बेलने पड़ रहे हैं। गेट पास व मैसेज सिस्टम बंद किया जाना चाहिए। क्योंकि इसके अनुरूप किसान अपनी फसल लेकर मंडी में नहीं आ सकता। 17 की बजाय 19 फीसद नमी तक की धान खरीदी जाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.