यमुनानगर में 60 मीटर टूटी सड़क भी ठीक नहीं कर पाए अधिकारी
सीएम के दौरे से 15 मिनट पहले प्रशासन ने सड़क को ठीक करने का कार्य शुरू किया। यह सड़क करीब 10 साल से टूटी है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : अधिकारी विकास कार्य को लेकर कितने गंभीर है, यह बानगी वीरवार को देखने को मिली। सीएम मनोहर लाल को ईएसआइ में बने कोविड अस्पताल का दौरा करना था। उसके बाद भी प्रशासन अस्पताल के गेट से लेकर प्रवेश तक 60 मीटर की टूटी सड़क को भी ठीक नहीं करा पाया।
सीएम के दौरे से 15 मिनट पहले प्रशासन ने सड़क को ठीक करने का कार्य शुरू किया। यह सड़क करीब 10 साल से टूटी है। अधिकारियों ने पहले गड्ढों में मिट्टी भरी। फिर इसके ऊपर तारकोल व बजरी डाल दी। जो भी व्यक्ति बजरी के ऊपर से निकला, वह उसके जूतों पर चिपकती चली गई। बाकी बची बजरी सीएम के काफिले में शामिल गाड़ियों के टायरों से इधर-उधर हो गई। आधा-अधूरा काम बीच में ही छोड़ दिया गया। वही नगर निगम के एक्सईएन रवि ओबराय का कहना है कि यह सड़क पीडब्ल्यूडी की है। जैसे ही सड़क ठीक करने के आदेश मिले, तुरंत कार्य शुरू करा दिया। जितना समय मिला, उतनी सड़क बना पाए। मिट्टी से किया गया पैचवर्क का कार्य
प्रशासन ने गत वर्ष ईएसआइ में कोविड अस्पताल शुरू किया था। अस्पताल की सड़क काफी समय से टूटी हुई है। आए दिन प्रशासनिक अधिकारियों का अस्पताल में दौरा होता है, लेकिन किसी ने भी सड़क को ठीक करने की सुध नहीं ली। सीएम के दौरे पर अधिकारी कुछ हरकत में आए। मेटल की सड़क पर मिट्टी व पत्थर मिलाकर पैचवर्क का कार्य किया गया। मुख्य गेट से करीब 60 मीटर की दूरी तक तैयार तारकोल व बजरी का मिश्रण सड़क पर डाला गया। इसको भी सैट नहीं किया गया।
बाहर ही बिठा थी कोरोना पॉजिटिव महिला
सीएम के आने से आधा घंटा पहले ही आइटीआइ के पास रहने वाली एक कोरोना पॉजिटिव महिला को स्वजन ऑटो में लेकर ईएसआइ पहुंचे। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। इस पर महिला वहीं बैठ गई। थोड़ी देर बाद महिला अस्पताल परिसर में चली गई। जहां पर अस्पताल में भर्ती मरीजों के अन्य स्वजनों को प्रशासन ने बाहर बिठा रखा था। महिला ने बताया कि 10 दिन से बुखार है। ठीक से सांस भी नहीं ले पा रही। उसके बेटे ने बताया कि कोरोना टेस्ट कराया था और रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। सीएम के जाने के बाद महिला व अन्य स्वजनों को अंदर जाने दिया गया। इसी तरह एक अन्य महिला यहां भर्ती अपने मरीज के लिए कुछ सामान लेकर आई थी। जिस पर पुलिसकर्मी ने उसे अंदर जाने से मना कर दिया। इस पर महिला गुस्से में बोली कि उसके मरीज की हालत गंभीर है। उसे डाक्टर ने फोन कर बुलाया है। तभी डीएसपी जगाधरी राजिद्र कुमार वहां आए और महिला को अंदर जाने दिया।