613 कार्यों के वर्क ऑर्डर कर भूल गए अधिकारी, सात साल बाद अब टेंडर रद
नगर निगम में ठेकेदारों की मनमानी खूब चल रही है। अफसर भी खूब लापरवाही कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : नगर निगम में ठेकेदारों की मनमानी खूब चल रही है। अफसर भी खूब मेहरबानी दिखा रहे हैं। वर्ष 2013 से 2018 तक नगर निगम एरिया में विभिन्न कार्यों के लिए लगाए गए टेंडरों में बड़ी लापरवाही बरती गई। वर्क ऑर्डर होने के बावजूद इनको आज तक शुरू नहीं किया गया। अब मेयर मदन चौहान ने इस मामले पर संज्ञान लिया है। इन तमाम कार्यों के टेंडर रद कर उनका फंड अन्य कार्यों में इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है। ऐसे 613 छोटे बड़े कार्य हैं। इनमें जो आवश्यक कार्य हैं उनको पूरा कराने के लिए नए सिरे से टेंडर लगाए जाएंगे। इसके अलावा उन कार्यों की भी लिस्ट तैयार की जा रही है जिनके वर्क आर्डर को जारी किए छह माह हो गए हैं। इनकी रिव्यू के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा। निर्धारित अवधि में पूरा करना होगा काम
निर्धारित समय पर काम पूरा न करना अब ठेकेदार को भारी पड़ सकता है। हाउस में यह प्रस्ताव पास हो चुका है कि यदि कोई भी ठेकेदार या एजेंसी निर्धारित अवधि में काम पूरा नहीं करती तो अगली टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं लें सकेंगे । इसके अलावा यदि किसी एजेंसी को पूर्व में दो वर्क आर्डर जारी हैं और कार्य अवधिक में काम पूरा नहीं किया गया आगे की टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं लेने दिया जाएगा। यहां बता दें कि एक ठेकदार या एजेंसी कई-कई काम ले लेती हैं। एक काम को अधर में छोड़कर दूसरा शुरू कर दिया जाता है। ऐसे में शहरवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ठेकेदारों की ऐसी ही मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। शहर के पॉश एरिया में भी काम रुके
शहर के पॉश एरिया में भी विकास कार्य अधर में पड़े हैं। प्यारा चौक से लेकर नेहरू पार्क तक सड़क पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। इस मार्ग पर दोनों ओर बड़े वाणिज्यिक प्रतिष्ठान हैं। सड़क के चौड़ीकरण में अनियमितताओं के आरोपों के बाद निर्माण कार्य रुक गया। इसके अलावा भी कई काम हैं जो अधर में हैं। 10 करोड़ के टेंडर तक नहीं लग पाए
आरएवाइ के तहत 10 करोड़ का बजट होने के बावजूद आज तक टेंडर तक नहीं लग पाए। 2013 को कुमारी सैलजा ने जिले के लिए आरएवाइ स्कीम को पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया था। चार कालोनियो में इस पैसे से सीवरेज, पेयजल, स्ट्रीट लाइट, कम्युनिटी सेंटर व पक्की छत उपलब्ध करवाना है। नगर निगम अधिकारियों ने न तो इन कालोनियों में विभिन्न कार्यों के लिए टेंडर लगाए और न ही इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ा पाए। वार्ड आठ से पार्षद विनोद मरवाह का कहना है कि अफसरों की काम करने की नीयत नहीं है। कुछ ठेकेदारों पर खास मेहरबानी दिखाई जा रही है। ये ठेकेदार अपनी मनमर्जी से काम करते हैं। मॉडल टाउन जैसे पॉश एरिया में यह हाल है तो अन्य वार्डों में स्थिति का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। हाउस की बैठक में हमने हर बार यह आवाज उठाई, लेकिन अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया। काम में कोताही बरतने वाले ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। कई प्रस्ताव पास किए
मेयर मदन चौहान ने कहा कि हमने हाउस की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास किए हैं। अब ठेकेदारों की मनमानी पर पूरी तरह अंकुश लगेगा। किसी तरह लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।