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अब 30 नहीं 20 जून तक पूरे करने होंगे बाढ़ बचाव कार्य

मौसम विभाग ने मानसून प्रदेश में जल्द आने की संभावना जताई है। इसलिए अब बाढ़ बचाव कार्य 30 नहीं 20 जून तक पूरे करने होंगे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 04:00 AM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 04:00 AM (IST)
अब 30 नहीं 20 जून तक पूरे करने होंगे बाढ़ बचाव कार्य
अब 30 नहीं 20 जून तक पूरे करने होंगे बाढ़ बचाव कार्य

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

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बाढ़ बचाव के कार्यों में कोई लापरवाही न हो, काम में तेजी लाई जाए। क्योंकि मौसम विभाग ने मानसून प्रदेश में जल्द आने की संभावना जताई है। इसलिए अब बाढ़ बचाव कार्य 30 नहीं 20 जून तक पूरे करने होंगे। उक्त शब्द सीएम मनोहर लाल ने वीडियो कांफ्रैसिग के माध्यम प्रशासन से कहें। वीसी में बाढ़ बचाव कार्यों व ड्रेनो की सफाई की रिपोर्ट ली गई। बता दे कि जिले में अभी तक 60 प्रतिशत ही काम पूरे हुए है। समय पर काम पूरे के लिए काम में तेजी लानी होगी। डीसी मुकुल कुमार लगातार साइटों का दौरा भी कर रहे हैं। काम बीच में न छोड़ें :

सीएम ने कहा कि इन कार्यों के लिए करीब एक पखवाड़ा है, जो कार्य शुरू कर दिए गए हैं, कोशिश रहे कि वह बीच में ना छोड़े जाएं। डीसी स्वयं प्राथमिकता तय करें। जिन क्षेत्रों में बाढ़ से आबादी के प्रभावित होने की संभावना है। उन्हें पहले पूरे कर लें। मानसून के दिनो में पानी निकासी के लिए पंपों की उपलब्धता व उनकी वर्किंग कंडिशन को चेक कर लिया जाए। इन्हें चलाने के लिए जहां-जहां बिजली के कनैक्शन अपेक्षित हैं, उन्हें भी सुनिश्चित कर लें। डीजल से चलने वाले पंपों की भी चेकिग समय पर कर ली जाए। मानूसन में पावर सप्लाई भी अपेक्षाकृत बनी रहे, इसका भी ध्यान रखें। नहर में गिरे पेड़ उठाए जाएं :

मुख्यमंत्री ने कहा कि नहरों के किनारे यदि कोई पेड़ अंदर की साईड है, उसका वन विभाग से कोई लेना-देना नही है। भारी जल प्रवाह से कई बार ऐसे पेड़ गिर जाते हैं। ऐसे पेड़ों को काटा जा सकता है, ताकि उनसे बचाव हो सके। भूमिगत जल को रिचार्ज करने के लिए कृषि विभाग की खेतों में बोर करने की स्कीम है। कई क्षेत्रों में अत्याधिक बारिश से प्राकृतिक रूप से पानी बहकर खेतों को लबालब कर देता है, परिणाम स्वरूप फसलें नष्ट हो जाती हैं। खेतों में बोर कर, ऐसे सरप्लस पानी को बोर से रिचार्ज किया जा सकता है। किसानों को मोटिवेट कर कम खर्च पर रेत की सतह तक बोर किए जा सकते हैं। सिचाई विभाग हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेन्द्र सिंह ने प्रदेश में नदियों व नहरों में आने वाले पानी, बाढ़ का इतिहास, ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में ड्रेनों की संख्या और उनकी सफाई जैसे कार्यों पर खर्च की जानकारी को लेकर प्रेजेंटेशन दिया।


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