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कोरोना योद्धाओं के लिए संसाधनों की कमी नहीं, मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शनों की किल्लत

कोरोना से जंग लड़ रहे योद्धाओं के लिए संसाधनों की कोई किल्लत नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Apr 2021 07:35 AM (IST)Updated: Sun, 18 Apr 2021 07:35 AM (IST)
कोरोना योद्धाओं के लिए संसाधनों की कमी नहीं, मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शनों की किल्लत
कोरोना योद्धाओं के लिए संसाधनों की कमी नहीं, मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शनों की किल्लत

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

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कोरोना से जंग लड़ रहे योद्धाओं के लिए संसाधनों की कोई किल्लत फिलहाल नहीं है। सभी के लिए पर्याप्त मास्क, ग्लब्स, मास्क, सैनिटाइजर व पीपीई किटें उपलब्ध हैं। हालांकि अभी डाक्टर व स्टाफ मास्क, ग्लब्स व सैनिटाइजर का अधिक प्रयोग कर रहे हैं। पीपीई किटों का प्रयोग तभी किया जाता है, जब वह मरीज के संपर्क में जाते हैं। जिले में इस समय कोविड अस्पताल ईएसआइ व छछरौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहे हैं। यहां पर संक्रमित मरीज दाखिल हैं।

कोविड अस्पताल ईएसआइ के स्टोर रूम में मास्क व ग्लब्स के बॉक्स रखे हुए हैं। यहां तैनात नर्स ने बताया कि मास्क, सैनिटाइजर व अन्य सामान को लेकर कभी कोई किल्लत नहीं हुई। मरीजों को भी मास्क दिए जाते हैं। यहां पर एन-95 मास्क ही प्रयोग होते हैं। हालांकि उसके साथ एक और वन टाइम मास्क का प्रयोग करते हैं। वन टाइम मास्क की क्वालिटी खराब

वन टाइम मास्क की क्वॉलिटी अच्छी नहीं हैं, क्योंकि इस मास्क की पट्टी कानों तक नहीं पहुंच पाती। मास्क के साथ यह चिपकी रहती है। यदि इसे खींचे तो मास्क से हट जाती है। इस संबंध में पीएमओ को भी चिकित्सक की ओर से पत्र भेजा गया था। सिविल अस्पताल में इस समय चिकित्सक व स्टाफ वन टाइम मास्क का अधिक प्रयोग कर रहे है। रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत

कोविड अस्पताल में मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत बनी हुई है। यह काफी महंगा इंजेक्शन होता है। लगातार इंजेक्शन के बारे में मांग की जा रही थी, फिलहाल 25 इंजेक्शन कोविड अस्पताल में मरीजों के लिए मंगवाए गए हैं। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह पर्याप्त नहीं है। मास्क वैक्सीन से भी अधिक कारगर : डॉ. अनिल

सर्जन डॉ. अनिल अग्रवाल का कहना है कि मास्क वैक्सीन से भी अधिक कारगर है। मास्क रोजाना बदलना चाहिए। यदि किसी का मास्क गीला हो जाता है, तो उसे हर दो घंटे बाद बदल लें। पसीना या अन्य किसी वजह से मास्क गीला नहीं होना चाहिए। हर दो घंटे में हाथ को सैनिटाइज करते रहें। अस्पतालों में ड्यूटी देने वाले चिकित्सकों व स्टाफ को मास्क, ग्लब्स, पीपीई किट व सैनिटाइजर ही संक्रमण से बचाएंगे। कोरोना से इस जंग में मास्क सबसे बड़ा हथियार है। इसे अच्छी तरह से पहनना चाहिए। चिकित्सकों व स्टाफ को इस बारे में पता होता है, इसलिए वह लापरवाही नहीं बरतते। बचाव के संसाधन पर्याप्त हैं

सिविल सर्जन डा. विजय दहिया ने बताया कि स्टाफ के लिए किसी भी संसाधन की कोई किल्लत नहीं है। पर्याप्त मात्रा में सैनिटाइजर, मास्क, किट व ग्लब्स उपलब्ध हैं। एडवांस में सामान मंगवा लिया जाता है। आपातकालीन स्थिति में लोकल से भी सामान खरीद लेते हैं। कोविड की वजह से सभी तरह के विकल्प खुले हुए हैं।


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