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नई शिक्षा नीति फायदेमंद, शिक्षा से वंचित बच्चे भी जा पाएंगे स्कूल : सुमन बहमनी

17 साल जिले के पहले राजकीय आदर्श संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्क

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2020 06:01 AM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 06:01 AM (IST)
नई शिक्षा नीति फायदेमंद, शिक्षा से वंचित बच्चे भी जा पाएंगे स्कूल : सुमन बहमनी
नई शिक्षा नीति फायदेमंद, शिक्षा से वंचित बच्चे भी जा पाएंगे स्कूल : सुमन बहमनी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : 17 साल जिले के पहले राजकीय आदर्श संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रिसिपल रहीं सुमन बहमनी पदोन्नत होकर अब डिप्टी डीईओ बनी हैं। उनके पास डिप्टी डीईओ कम सर्व शिक्षा अभियान के जिला परियोजना समन्वयक का चार्ज है। इस दायित्व के साथ उनके समक्ष कई चुनौतियां भी हैं। जैसे कोरोना वायरस के चलते स्कूल बंद हैं और बच्चों को पढ़ाई घर से कराई जा रही है। अब केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति 2020 भी लागू कर दी है। लेकिन ज्यादातर शिक्षक इसके विरोध में है। ऐसे में इस पर भी ज्यादा ध्यान देना होगा। इन समेत अन्य बिदुओं पर सुमन बहमनी से दैनिक जागरण संवाददाता राजेश कुमार ने बातचीत की : सवाल : कोरोना काल में बच्चों को घर बैठे किन माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही है।

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जवाब : पहली से 12वीं कक्षा तक के बच्चे कोरोना वायरस के चलते घर से ही पढ़ाई कर रहे हैं। उन्हें वाट्सएप पर तो होमवर्क भेज ही रहे हैं साथ में एजुसेट, डिश टीवी से भी पढ़ाई कराई जा रही है। बच्चे ठीक से पढ़ रहे हैं या नहीं इसकी फीडबैक एडीसी रणजीत कौर, डीईओ नमिता कौशिक और मेरे साथ-साथ विभाग से जुड़े अन्य अधिकारी व शिक्षक भी ले रहे हैं। सवाल : कई बच्चों को अभी तक किताबें नहीं मिली हैं।

जवाब : ऐसा नहीं है। जितने बच्चों ने दाखिला लिया है उन सभी को किताबें दी गई हैं। पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए जगाधरी में 22745, बिलासपुर में 9655, रादौर में 6704, छछरौली में 18455, सरस्वती नगर में 4743, साढौरा में 5776 किताबों के सेट दिए हैं। इन छह ब्लॉक में 65254 विद्यार्थी हैं। जिनके लिए 68078 किताबें भेजी गई हैं। किताबें सरप्लस हैं। यदि कोई विद्यार्थी ऐसा है जिसे किताब नहीं मिली तो वह स्कूल में संपर्क कर सकता है। सवाल : जिला में कितने माडल स्कूल खोलने की तैयारी है?

जवाब : शिक्षा विभाग ने पहले से चल रहे राजकीय सीसे स्कूल छछरौली, राजकीय सीसे स्कूल जगाधरी, राजकीय सीसे स्कूल रादौर, राजकीय सीसे स्कूल साढौरा, राजकीय सीसे स्कूल बूड़िया, राजकीय सीसे स्कूल कैंप और राजकीय सीसे स्कूल सरस्वती नगर को मॉडल स्कूल का दर्जा दिया है। ये स्कूल सीबीएसई से मान्यता प्राप्त होंगे। इसके लिए मुख्यालय स्तर पर प्रक्रिया चल रही है। सवाल : क्या माडल स्कूल मानकों पर खरे उतरेंगे।

जवाब : जिन स्कूलों को माडल बनाना है उन्हें पीडब्ल्यूडी, दमकल विभाग के अलावा स्वास्थ्य विभाग से एनओसी लेनी होगी। एनओसी की प्रक्रिया चल रही है। इन स्कूलों में विद्यार्थियों को सभी सुविधाएं दी जाएंगी। जरूरत पड़ी तो नए कमरों के लिए भी ग्रांट मांगी जाएगी। सवाल : अभी तक काफी स्कूलों ने ग्रांट का प्रयोग नहीं किया है।

जवाब : कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन में स्कूल बंद रहे। जिस कारण काफी स्कूल फेस लिफ्टिग ग्रांट को खर्च नहीं कर पाए। अब इन स्कूलों का निरीक्षण मैं खुद कर रही हूं। स्कूलों में साफ, सफाई जांची जा रही है। स्कूलों ने ग्रांट खर्च करने के लिए कुछ दिन का समय मांगा है। सवाल : नई शिक्षा नीति का काफी शिक्षक विरोध कर रहे हैं।

जवाब : केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई नई शिक्षा नीति से बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों को भी फायदा होगा। अभी भी बहुत से बच्चे ऐसे हैं जो शिक्षा से वंचित हैं। इस नीति से वे स्कूल जा सकेंगे। पढ़ाई करते हुए उन्हें रोजगार उपलब्ध होंगे। सवाल : परामर्श के लिए सरकार ने स्कूल खोले हैं, यह कितना सफल हुआ?

जवाब : नौवीं से 12वीं कक्षा के बच्चों को यदि ऑनलाइन पढ़ाई में दिक्कत आ रही है तो वे परामर्श के लिए स्कूल आ सकते हैं। लोगों में अभी कोरोना वायरस का डर है। इसलिए वे विद्यार्थियों को कम संख्या में स्कूल भेज रहे हैं।


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