एमआरसी संजीव गया जेल, आरोपित राजेंद्र को लेकर एसआइटी ने खंगाला रिकार्ड
जागरण संवाददाता यमुनानगर आरसी फर्जीवाड़े में गिरफ्तार एमआरसी संजीव को रिमांड पूरा
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
आरसी फर्जीवाड़े में गिरफ्तार एमआरसी संजीव को रिमांड पूरा होने पर बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया। वहीं एक अन्य आरोपित एमआरसी राजेंद्र डांगी का रिमांड वीरवार को खत्म होगा। उसे साथ लेकर एसआइटी ने जगाधरी एसडीएम कार्यालय के रिकार्ड रूम से वाहनों के दस्तावेज खंगाले। इस दौरान बाहर पुलिस का पहरा रहा। अंदर किसी को भी आने व जाने नहीं दिया गया। कई घंटे तक टीम आरोपित के साथ रिकार्ड खंगालती रही। उधर, सिरसा पुलिस एक बार फिर आरोपित कंप्यूटर आपरेटर अमित को लेकर रिकार्ड जांचने पहुंची। एसआइटी के इंस्पेक्टर सुखबीर सिंह ने बताया कि आरोपित संजीव से 25 हजार रुपये भी बरामद किए है। उसे जेल भेज दिया गया।
दरअसल, रिकार्ड रूम में हजारों फाइलों का रिकार्ड पड़ा है। ऐसे में जिन फाइलों में फर्जीवाड़ा हुआ। उनके बारे में पता लगाना काफी मुश्किल है। इसलिए ही एसआइटी एमआरसी राजेंद्र डांगी को लेकर रिकार्ड रूम में पहुंची। दो दिन से कई-कई घंटे एसआइटी यहां रिकार्ड रूम में लगा रही है, लेकिन अभी तक कुछ साफ नहीं हुआ है। बुधवार को आरोपित राजेंद्र डांगी को साथ लेकर पुलिस ने जांच की। इस दौरान बाहर पुलिस का कड़ा पहरा रहा। एसडीएम रादौर कंवरभान की मौजूदगी में यह पूरी कार्रवाई हुई।
सिरसा पुलिस अमित को लेकर खड़ी रही बाहर :
सिरसा पुलिस भी रिकार्ड की जांच करने के लिए आरोपित कंप्यूटर आपरेटर अमित कुमार को लेकर पहुंची, लेकिन वह बाहर ही उसे गाड़ी में लेकर खड़ी रही। मंगलवार को सिरसा पुलिस यहां पहुंची थी। अमित को साथ लेकर रिकार्ड खंगाला, लेकिन कुछ पता नहीं लग सका। अब अमित का रिमांड भी वीरवार को खत्म हो जाएगा। अभी तक पुलिस पूरा रिकार्ड तक नहीं कब्जे में ले सकी है। ऐसे में सिरसा पुलिस अमित को दोबारा भी रिमांड पर ले सकती है।
अमित ने कराई थी संजीव की ज्वाइनिग :
बताया जा रहा है कि आरोपित कंप्यूटर आपरेट अमित कुमार की अधिकारियों के साथ काफी अच्छी जान पहचान थी। उसकी संजीव से भी बात होती थी। उसने ही संजीव को यहां बिलासपुर एसडीएम कार्यालय में लगवाया था, ताकि वह बिलासपुर से भी वाहनों के फर्जी दस्तावेज तैयार करा सके। जिन 29 फाइलों में गड़बड़ी मिली है। उनके लिए भी करीब दो लाख रुपये देने तय हुए थे, लेकिन पूरा पैसा उसे नहीं मिला था। जिस पर उसने सभी गाड़ियों की आरसी नहीं दी थी।
यह था मामला :
सिरसा पुलिस ने नीलामी के वाहनों के फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में रोहतक निवासी सुनील चिटकारा को पकड़ा। उससे पूछताछ के बाद कुछ गाड़ियां भी बरामद की गई। जिनके फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए थे। सुनील से पूछताछ में सामने आया कि यह फर्जीवाड़ा जगाधरी एसडीएम कार्यालय से चल रहा था। एमआरसी राजेंद्र डांगी व कंप्यूटर आपरेटर अमित ही मिलकर यह फर्जीवाड़ा कर रहे थे। सिरसा कोर्ट में आरोपित अमित ने सरेंडर कर दिया। वह रिमांड पर है। यह फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद जगाधरी एसडीएम की शिकायत पर चार कर्मियों अमित कुमार, कुनाल, शुभम व गगनदीप पर केस दर्ज हुआ। बाद में बिलासपुर में भी 29 गाड़ियों की फाइलों में गड़बड़ी मिली। इस मामले में भी शिकायत पर अमित कुमार पर केस दर्ज हुआ था। दोनों केसों में करप्सन एक्ट की धारा भी इजाद कर दी गई है।