देवी मंदिरों में की गई मां कुष्मांडा की पूजा
नवरात्र के चौथे दिन देवी मंदिरों में दुर्गा मां के स्वरूप देवी कुष्मांडा की पूजा की गई।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : नवरात्र के चौथे दिन देवी मंदिरों में दुर्गा मां के स्वरूप देवी कुष्मांडा की पूजा की गई।
पुजारी आचार्य कैलाश ने बताया कि माता की कृपा स्वरूप उनके भक्तों को ज्ञान की प्राप्ति होती है। बुद्धि और कौशल का विकास होता है। देवी को लाल वस्त्र, लाल पुष्प, लाल चूड़ी भी अर्पित करना चाहिए। देवी योग-ध्यान की देवी भी हैं। देवी का यह स्वरूप अन्नपूर्णा का भी है। उदराग्नि को शांत करती हैं। पूजन के बाद देवी के मंत्र का जाप करें। इनके इस स्वरूप की पूजा करने पर भय से मुक्ति मिलती है। इनकी भक्ति से आयु, यश और आरोग्य की वृद्धि होती है। जीवन में सभी तरह के भय से मुक्त होकर सुख से जीवन बीताने के लिए ही देवी कुष्मांडा की पूजा की जाती है। पूजा से आयु, यश, बल, और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। बृहस्पतिवार को पांचवे दिन स्कंद माता की पूजा देवी मंदिरों में की जाएगी।