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300 कर्मचारियों ने 16 दिन में तैयार की मोदी के सपनों की ट्रेन, जानें क्या है इसकी खासियत

स्टीम एक्सप्रेस बनकर तैयार है। इस ट्रेन को जगाधरी वर्कशॉप के 300 कर्मचारियों ने 16 दिन में तैयार किया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 10 Aug 2018 08:22 PM (IST)Updated: Sun, 12 Aug 2018 09:03 PM (IST)
300 कर्मचारियों ने 16 दिन में तैयार की मोदी के सपनों की ट्रेन, जानें क्या है इसकी खासियत
300 कर्मचारियों ने 16 दिन में तैयार की मोदी के सपनों की ट्रेन, जानें क्या है इसकी खासियत

यमुनानगर [राजेश कुमार]। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों की स्टीम एक्सप्रेस बनकर तैयार है। तिरंगे में रंगी ट्रेन देशभक्ति के साथ-साथ पर्यावरण का संदेश भी देगी। इस ट्रेन को जगाधरी वर्कशॉप के 300 कर्मचारियों ने 16 दिन में तैयार किया है। स्टीम इंजन से चलने वाली यह ट्रेन पूरी तरह से इको फ्रेंडली है। पीएम 15 अगस्त को नई दिल्ली में इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। यह ट्रेन प्रतिदिन फरुखनगर से हरसरू स्टेशन (11.25 किलोमीटर) के बीच दौड़ेगी।

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विनायल रेबिंग तकनीक से किया कलर

स्टीम एक्सप्रेस में आठ कोच होंगे। प्रत्येक कोच में 90 सीटें हैं। इन कोच को विनायल रेबिंग तकनीक से तैयार किया गया है। कोच के बाहर केसरिया व हरे रंग की प्लेन विनायल शीट को पेस्ट करने के बाद बीच में सफेद पेंट किया गया है। ट्रेन के अंदर के लुक को विशेष फिनिशिंग दी गई है। इसमें यात्रियों को मोबाइल चार्जिंग की सुविधा भी मिलेगी।

ब्रेक लगाने के लिए वेक्यूम सिस्टम बदला

स्टीम इंजन से ट्रेन रोकने के लिए वेक्यूम सिस्टम काम करता है, जबकि इलेक्ट्रॉनिक इंजन में एयर प्रेशर होता है। वर्कशॉप के अधिकारियों और कर्मचारियों ने ब्रेक के लिए अलग से कंट्रोल सिस्टम तैयार किया गया है। इसे स्टीम इंजन से कंट्रोल किया जा सकेगा। ब्रेक कंट्रोल सिस्टम दो जगह दिया गया है। एक जगह से यदि ब्रेक काम नहीं करते तो दूसरी जगह से इसे कंट्रोल किया जा सकेगा।

200 से अधिक एलईडी लाइटें

ट्रेन में 200 से अधिक एलईडी लाइटें लगाई गई हैं। साथ ही कम पावर पर चलने वाले पंखे लगाए गए हैं। पावर सप्लाई के लिए प्रत्येक कोच में ड्राई बैटरी का डबल सेट लगाया गया है। ड्राई बैटरी की विशेषता यह है कि इसके फ्यूज नहीं निकलते और मरम्मत भी कम होती है। इसकी अधिकतम रफ्तार 60 किमी प्रति घंटा होगी। कम दूरी और धीमी गति से चार्जिंग सिस्टम ठीक से काम नहीं करता। इसलिए पावर कार में भी कई बदलाव किए गए हैं।

रोमांचक होगी यात्रा : अकील अहमद

जगाधरी वर्कशॉप के वक्र्स मैनेजर अकील अहमद ने बताया कि जब लोग इस ट्रेन में यात्रा करेंगे तो यह उनके लिए किसी रोमांच से कम नहीं होगा। वर्तमान पीढ़ी महसूस कर सकेगी कि दशकों पहले स्टीम इंजन से यात्रा कैसे होती थी।

ट्रेन भेज दी : आरके सेंगर

जगाधरी वर्कशॉप के चीफ वक्र्स मैनेजर (सीडब्ल्यूएम) आरके सेंगर ने बताया कि इस ट्रेन को रेवाड़ी लोको शेड में मौजूद स्टीम इंजन से चलाया जाएगा। रेवाड़ी से आई टीम सभी कोच पास कर चुकी है। कोच में कुछ साजो सज्जा होनी है जो दिल्ली में ही की जाएगी। इसके लिए इसे दिल्ली भेज दिया गया है। इस ट्रेन को तैयार करना जगाधरी वर्कशॉप के लिए गौरव की बात है।

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