मिशबा हासमी ने बताई आपबीती, कहा, पांच घंटे लाल किले में बनी रहीं बंधक
दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में डिजिटल इंडिया की झांकी में श
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में डिजिटल इंडिया की झांकी में शामिल होने गई अटल सेवा केंद्र बूडि़या की संचालिका मिशबा हासमी भी उपद्रव के दौरान लाल किले के अंदर फंस गई थीं। करीब पांच घंटे तक मिशबा समेत करीब 200 लोगों का ग्रुप लाल किले के अंदर दहशत के साये में रहा। शाम करीब छह बजे उन्हें सुरक्षा बलों ने किसी तरह से सुरक्षित बाहर निकाला और होटल तक पहुंचाया। मिशबा हासमी को डिजिटल इंडिया की झांकी का नेतृत्व करने के लिए चुना गया था।
उन्होंने दैनिक जागरण को फोन पर बताया कि गणतंत्र दिवस परेड के बाद हम बसों में बैठने के लिए चल दिए। 200 से ज्यादा लोगों का ग्रुप था। लाल किले के मोड़ से पहले ही किसान एकता जिदाबाद के नारे लगाते हुए कुछ लोग आए। वह हमारी वीडियो बना रहे थे। जब हम लाल किले के मेन गेट पर पहुंचे, तो पूरी पिक्चर ही बदल गई। आर्मी वहां से निकली। हमारी बसें खड़ी हैं। हम उनमें बैठने लगे। अचानक से लोगों की तादाद बढ़ने लगी और उन्होंने घेराव कर दिया। प्रदर्शन करते हुए लोग लाल किले में घुसने लगे, तो आर्मी ने हमें लाल किले के अंदर ग्राउंड में बैठा दिया। तभी हमें फायरिग की आवाज सुनाई दी। हमारे हेड अंदर लाल किले की मार्केट की ओर लेकर गए। वहां पर किसी महिला पुलिसकर्मी के मुंह से सुनने को मिला कि लाल किले पर कब्जा कर लिया गया है। यहां झंडा फहरा दिया गया था। शाम करीब छह बजे वहां से सुरक्षा बलों ने निकाला। इसके बाद आधे घंटे वहीं पर एक पुलिस थाने में रहे। फिर वहां से बसों से डिपार्ट किया गया। आइटी मंत्री से भी हुई मुलाकात
मिशबा ने बताया कि बुधवार को आइटी मंत्री रविशंकर प्रसाद से भी मुलाकात हुई। यहां मंत्री ने हमारे प्रयासों को सराहा। आश्वासन दिया कि भविष्य में यदि किसी को कोई दिक्कत आती है, तो वह सीधा मंत्रालय में संपर्क कर सकते हैं। बता दें कि मिशबा से पीएम नरेंद्र मोदी भी बात कर चुके हैं। कई बार उनकी आइटी मंत्री रविशंकर से भी बात हो चुकी है। उनके डिजिटल इंडिया के तहत किए जा रहे प्रयासों की काफी सराहना हो चुकी है।