शौचालयों पर नाम लिखकर लगा देते ताला, निगम अधिकारी भी नहीं लेते सुध
नगर निगम एरिया में सार्वजनिक शौचालयों को लेकर नगर निगम अधिकारी और कर्मचारी गंभीर नहीं है। हालात ये हैं कि यूजर्स शौचालयों पर अपना नाम लिखकर ताला लगाकर चाबी जेब में डाल लेते हैं। औद्योगिक क्षेत्र में रखे शौचालयों पर अलग-अलग नाम लिखे हैं।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : नगर निगम एरिया में सार्वजनिक शौचालयों को लेकर नगर निगम अधिकारी और कर्मचारी गंभीर नहीं है। हालात ये हैं कि यूजर्स शौचालयों पर अपना नाम लिखकर ताला लगाकर चाबी जेब में डाल लेते हैं। औद्योगिक क्षेत्र में रखे शौचालयों पर अलग-अलग नाम लिखे हैं। यूज करने के बाद इन पर ताला लगा दिया जाता है। कईयों में तो पानी की भी व्यवस्था नहीं है। यमुनानगर-जगाधरी में अलग-अलग स्थान पर 195 शौचालय रखे हुए हैं।
औद्योगिक क्षेत्र में बुरा हाल
नगर निगम की ओर से औद्योगिक क्षेत्र में दो वर्ष पहले सार्वजनिक शौचालय रखे गए। शुरुआती दौर में लोगों ने बेहतर तरीके से यूज किया। समय की करवट के साथ ये शौचालय बदहाल होने शुरू हो गए। क्षेत्र के लोगों ने अलग-अलग शौचालय पर अपना-अपना नाम लिख लिया। किसी पर महेश लिखा है, तो किसी पर नाजर। स्वयं यूज करने के बाद इन पर ताला लगा दिया जाता है। यह स्लम एरिया है। साथ ही आसपास दुकानें भी हैं। औद्योगिक इकाइयों में आने वाले ट्रक यहीं खड़े होते हैं। ऐसे में परेशानी और भी बढ़ जाती है।
सफाई की नहीं बनी ठोस योजना
शौचालयों की सफाई व रखरखाव को लेकर नगर निगम की ओर से ठोस योजना न बनाकर इसका जिम्मा उन लोगों को ही दे दिया प्रयोग करेंगे। उस दौरान इसके लिए बकायदा कमेटी का गठन किया किया गया। इसमें क्षेत्र के लोग ही शामिल किए गए। यह कमेटी ही इनकी सफाई और रखरखाव करती है, लेकिन यह काम बेहतरी से नहीं हो पा रहा है। व्यवस्था में सुधार की जरूरत है। क्योंकि मौजूदा हालात ये हैं कि कहीं पानी की व्यवस्था नहीं है तो कहीं ताले लटके हुए हैं।
चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर अनिल नैन ने लोगों के शौचालयों के प्रयोग के महत्व के बारे में भी बताया। जिन लोगों के लिए ये शौचालय बने हुए हैं, उनको भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। सफाई व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए और नियमित रूप से देखरेख की जानी चाहिए। शहर में जगह-जगह ये मोबाइल शौचालय रखे हुए हैं। शहर को साफ-सुथरा बनाने में हर आम-खास का सहयोग जरूरी है। निगम के कर्मचारी भी नियमित रूप से शौचालयों का निरीक्षण करते हैं। जहां जो सामान टूटा है, उसे दुरुस्त करवा दिया जाएगा।
वार्ड 22 की पार्षद सविता कांबोज का कहना है कि उनके वार्ड में जगह शौचालय रखे हुए हैं। निगम की ओर से यह अच्छी शुरुआत की गई थी। क्योंकि ये पहली जरूरत है, लेकिन नियमित तौर पर इनकी देखरेख नहीं हो पाई है। पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है। गाबा अस्पताल के पास मुख्य मार्ग के किनारे रखे शौचालयों के पास ही गंदा पानी जमा है। कई में तो टोंटियां टूटी हुई हैं। दूसरी जगह भी हालत सही नहीं है। कर्मचारियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए। अधिकारियों के समक्ष यह बात रखी जाएगी।