लॉकडाउन का करंट, लेटफीस के साथ जमा होंगे चार माह के बिजली बिल
लॉकडाउन बिजली उपभोक्ताओं पर भारी पड़ गया। इस माह लोगों को एक साथ चार माह के बिल मिले लेकिन लेट फीस के साथ। लेट फीस के साथ मोटे बिल देख कर उपभोक्ता चकराए हुए हैं। इसके अलावा जो बिल मिले हैं उनमें भी काफी गड़बड़ियां हैं। किसी की रीडिग गलत है तो किसी के बिल में रीडिग ही नहीं लिखी है। बिल भी लोगों को देरी से मिले। इसलिए लोगों को समझ ही नहीं आ रहा कि बिल भरे या नहीं। बिल ठीक कराने के लिए उपभोक्ता एसडीओ कार्यालयों में चक्कर काट रहे हैं।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
लॉकडाउन बिजली उपभोक्ताओं को करंट मार रहा है। इस माह लोगों को एक साथ चार माह के बिल लेट फीस के साथ मिले है, लेट फीस के साथ मोटे बिल देख कर उपभोक्ता चकरा गए हैं। इसके अलावा बिलों में काफी गड़बड़ियां हैं। किसी की रीडिग गलत है तो किसी के बिल में रीडिग ही नहीं लिखी है। बिल भी लोगों को देरी से मिले। इसलिए लोगों को समझ ही नहीं आ रहा कि बिल भरे या नहीं। बिल ठीक कराने के लिए उपभोक्ता एसडीओ कार्यालयों में चक्कर काट रहे हैं। बिल जमा करने की ग्रामीण क्षेत्र में गति धीमी
बिजली बिलों में गड़बड़ी के कारण ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ता बिजली बिल भरने से गुरेज कर रहे हैं। आखिरी तारीख से ठीक दो दिन पहले मिले बिल भरने के लिए पैसे का इंतजाम नहीं कर पा रहे हैं। 29 जुलाई को आखिरी तारीख है, परंतु सरस्वती नगर में अब तक दो करोड़ 94 लाख 71 हजार रुपये, रादौर से तीन करोड़ 62 लाख रुपये, बिलासपुर से दो करोड़ 85 लाख रुपये और साढौरा से चार करोड़ 31 लाख रुपये ही आए हैं। वहीं, 30 जून तक बिजली बिलों से निगम को 72 करोड़ 81 लाख 51 हजार रुपये मिले हैं। जबकि मई में लॉकडाउन में निगम को बिलों से मात्र 48 करोड़ 36 लाख 59 हजार रुपये ही आए थे। लॉकडाउन में नहीं बंटे थे ये बिल
मार्च माह में लॉकडाउन लग गया था। इसलिए बिजली निगम ने लोगों को बिल भी नहीं भेजे। साथ ही मीटर से रीडिग भी नहीं ली गई। बिजली निगम ने उपभोक्ताओं से कहा था कि वे अपना बिल आनलाइन देख कर भर दें। परंतु ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को नहीं पता था कि वेबसाइट पर बिल कैसे देखना है। इसलिए लोगों ने बिल ही नहीं भरे। बिल नहीं भरने पर कुल राशि में लेट फीस जुड़ती गई। लेट फीस लगने के बाद अब लोगों को चार माह के बिल एक साथ दे दिए हैं। बिलों में कई तरह की गड़बड़ी
रादौर क्षेत्र के विक्रम, संजीव, रिकू, मांगाराम, धर्मपाल सैनी, आशीष कुमार ने बताया कि बिलों में काफी गड़बड़ी है। उनके बिल इस बार ढाई हजार रुपये से कम नहीं आए। जबकि हर बार बिल 500 से 700 रुपये का आता था। बिल भी आखिरी तारीख से दो दिन पहले ही बिल दिए गए हैं। अब इतनी जल्दी रुपये का इंतजाम कहां से करें। 29 जुलाई के बाद लेट फीस लगेगी। यदि बिल नहीं भरा गया तो अगली बार छह माह का बिल आ जाएगा। इसलिए निगम को आखिरी तारीख आगे बढ़ानी चाहिए। गलत बिल ठीक होंगे : योगराज
बिजली निगम के एसई योगराज का कहना है कि जिन उपभोक्ताओं के गलत बिल आए हैं वे एसडीओ कार्यालय में जाकर उन्हें ठीक करा सकते हैं। कुछ जगहों पर बिल देरी से मिलने की शिकायत आई है। इस बारे में बिल बांटने वाली कंपनी से कारण पूछा है। सब डिवीजन के अनुसार बिजली उपभोक्ता
सब डिवीजन उपभोक्ता
सिटी जगाधरी 31862
सब अर्बन जगाधरी 31120
छछरौली 25559
बिलासपुर 23734
प्रताप नगर 17645
नारायणगढ़ 38850
साढौरा 35699
शहजादपुर 24232
नंबर वन 37696
रादौर 37166
आइटीआइ 19658
इंडस्ट्रियल एरिया 18650
माडल टाउन 21632
सरस्वती नगर 27750