ग्रुप बनाकर शेयर की जा रही ओवरलोड पर कार्रवाई करने वाले अधिकारियों की लोकेशन
संवाद सहयोगी रादौर क्षेत्र में एक बार फिर से ओवरलोड व अवैध खनन पर कार्रवाई करने वाले
संवाद सहयोगी, रादौर : क्षेत्र में एक बार फिर से ओवरलोड व अवैध खनन पर कार्रवाई करने वाले अधिकारियों की रेकी करने वाला ग्रुप सक्रिय हो गया है। वाट्सएप ग्रुपों में अधिकारियों की रेकी कर जानकारी शेयर की जा रही है। ग्रुपों में अधिकारियों की पल-पल की अपडेट लगातार दी जा रही है ताकि अवैध खनन व ओवरलोड से जुड़े उनके ग्रुप के सदस्य सचेत रह सकें। लंबे समय से इस प्रकार के ग्रुपों पर शिकंजा कसने में प्रशासनिक अधिकारी विफल रहे हैं। हालांकि गत वर्ष थाना जठलाना पुलिस ने ऐसे ही ग्रुप चला रहे एक युवक को पकड़ा था। अधिकारी जब भी ओवरलोड वाहनों या फिर खनन से संबंधित कार्रवाई करने के लिए अपने कार्यालयों से निकलते हैं तो उनकी जानकारी इन ग्रुपों में वायरल हो जाती है। ऐसे होती है रेकी
रेकी ग्रुप के सदस्यों ने वाहन चालकों को अपने ग्रुपों में जोड़ा हुआ है। जब भी खनन व ओवरलोड से जुड़ा कोई भी अधिकारी अपने कार्यालय से निकलता है तो उसकी लोकेशन को इन ग्रुपों में शेयर किया जाता है। अगर अधिकारी कार्यालय से निकल कर अन्य किसी काम को चला जाता है तो रास्ता साफ होने की बात कहीं जाती है। अगर कार्रवाई करने के लिए अधिकारी की टीम निकलती है तो उसकी हर चौक चौराहों पर निकलने की अपडेट इन ग्रुपों में मैसेज के माध्यम से दी जाती है। हर जिले के रूट की दी जाती है सूचना
इस प्रकार के ग्रुपों में केवल यमुनानगर ही नहीं बल्कि हर जिला के रास्तों की सूचना दी जाती है। यह ग्रुप उन सभी जिलों में सक्रिय है। अधिकारियों की गाड़ी के नंबरों व उनके पदों के हिसाब से संदेश आते है। एक मैसेज में लिखा गया है कि 6514 ओके, 0010 ओके, 2873 ओके, यमुनानगर डीटीओ ओके, 4035 ओके, 2873 अग्रसेन चौक के आगे काटे का निशान यानी की यहां से निकलने का रास्ता अभी साफ नहीं है। एक अन्य मैसेज में 6587 की तरफ से बसताड़ा कोहंड रोक के, बाकी ओके, नीलोखेड़ी ओके, तरावड़ी ओके, इंद्री ओके, श्यामगढ़ ओके लिखा गया है। प्रशासन की ढील से चल रहे हैं रेकी ग्रुप : वरयाम सिंह
हरियाणा एंटी करप्शन सोसाइटी के अध्यक्ष वरयाम सिंह ने बताया कि ओवरलोड, अवैध खनन व रेकी ग्रुपों के बारे उन्होंने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की हुई है। इनके कारण राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान हो रहा है। यह कार्य अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। अधिकारी भी इस मामले में कार्रवाई करने से बचते है। ओवरलोड व अवैध खनन पर कार्रवाई क्यों नहीं होती। जब रेकी ग्रुप चलाने वाला एक आरोपित पुलिस के हत्थे चढ़ा था तो उस पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई। प्रशासन की ढील के कारण ही यह रेकी ग्रुप सक्रिय है।