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स्कूल चलें हम : चहकते हुए विद्या के मंदिर पहुंचे बच्चे, 50 प्रतिशत रही उपस्थिति

गर्मी की छुट्टियां समाप्त होने के बाद शुक्रवार को स्कूलों के द्वार खुले। पहले दिन सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति लगभग 50 प्रतिशत रही। सरकारी आदेश के बाद भी दूसरी ओर जिले के अधिकतर निजी स्कूलों पर ताला लटका मिला। सुबह साढे़ सात बजे से पहले ही बच्चे चहकते हुए सरकारी स्कूल में आना शुरू हो गए थे जबकि सरकार की ओर से स्कूलों का समय सुबह आठ से दोपहर ढाई बजे तक किया हुआ है। बच्चों में एक महीने बाद स्कूल आने की खुशी देखी जा सकती थी। शिक्षकों के चेहरे भी बच्चों को स्कूल में देख खिले नजर आए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2022 12:45 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 12:45 AM (IST)
स्कूल चलें हम : चहकते हुए विद्या के मंदिर पहुंचे बच्चे, 50 प्रतिशत रही उपस्थिति
स्कूल चलें हम : चहकते हुए विद्या के मंदिर पहुंचे बच्चे, 50 प्रतिशत रही उपस्थिति

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

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गर्मी की छुट्टियां समाप्त होने के बाद शुक्रवार को स्कूलों के द्वार खुले। पहले दिन सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति लगभग 50 प्रतिशत रही। सरकारी आदेश के बाद भी दूसरी ओर जिले के अधिकतर निजी स्कूलों पर ताला लटका मिला। सुबह साढे़ सात बजे से पहले ही बच्चे चहकते हुए सरकारी स्कूल में आना शुरू हो गए थे, जबकि सरकार की ओर से स्कूलों का समय सुबह आठ से दोपहर ढाई बजे तक किया हुआ है। बच्चों में एक महीने बाद स्कूल आने की खुशी देखी जा सकती थी। शिक्षकों के चेहरे भी बच्चों को स्कूल में देख खिले नजर आए। मित्रों से गले मिले बच्चे :

एक माह बाद स्कूल आने के कारण बच्चे अपने मित्रों से दूर थे। उन्हें अचानक एक माह बाद सामने पाकर बच्चे खुश नजर आए। उन्होंने एक दूसरे को गले लगाकर प्रेम का इजहार किया। बच्चों ने छुट्टियों में की मस्ती भी शेयर की। वहीं शिक्षकों ने भी पढ़ाई के साथ उनसे छुट्टियों के अनुभव शेयर किए। आदेशों को ठेंगा : निजी स्कूल रहे बंद :

शहर में अधिकतर स्कूलों ने सरकारी आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए मनमानी की और स्कूलों को बंद रखा। जबकि सरकार के आदेश अनुसार प्रदेश भर के निजी व सरकारी स्कूल एक जुलाई से सुबह आठ से दोपहर ढाई बजे तक खुलेंगे, लेकिन निजी स्कूल संचालकों को सरकारी आदेशों को कोई डर नहीं था। स्कूलों में भरा पानी, पढ़ाई प्रभावित :

स्कूल खुलने से पहले जिले भर के स्कूलों में सफाई करवाई गई क्योंकि एक माह से स्कूल बंद थे। पर वीरवार को हुई बरसात ने विभाग की मेहनत पर पानी फेर दिया। काफी स्कूलों में बरसात से दोबारा सफाई करवानी पड़ी। वहीं कुछ स्कूलों में पानी भरने से पढ़ाई नहीं हो सकी। राजकीय प्राथमिक स्कूल कोटला साढौरा जलमग्न हो गया। जिस कारण बच्चे कक्षा में नहीं बैठ पाए। रिपोर्ट ली जाएगी :

पहले दिन लगभग 50 प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति रही। आगामी एक दो दिन में शत प्रतिशत बच्चों के स्कूल पहुंचने की संभावना है। वहीं, निजी व सरकारी स्कूलों को आरंभ करने के लिए एक जैसा शेड्यूल है। नियमों का पालन करते हुए स्कूल खुलने चाहिए। इसकी रिपोर्ट ली जाएगी।

कैलाश कुमारी, डिप्टी डीईओ


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