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लाला जी की दुकान से बन रहे हार-जीत के समीकरण

शहर के मुख्य बाजार की दुकानों पर चुनावी चर्चाओं का बाजार गर्म है। हर पल प्रत्याशी जीत और हार रहे हैं। इस जीत-हार के समर्थक अपने तर्क दे रहे हैं। करियाना स्टोर पर आए लोगों के बीच प्रत्याशियों को लेकर बातचीत जारी रही। यहां बैठे लोग अपने प्रत्याशियों के खिलाफ सुनना पसंद नहीं करते।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Oct 2019 06:40 AM (IST)Updated: Sun, 13 Oct 2019 06:40 AM (IST)
लाला जी की दुकान से बन रहे हार-जीत के समीकरण
लाला जी की दुकान से बन रहे हार-जीत के समीकरण

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : शहर के मुख्य बाजार की दुकानों पर चुनावी चर्चाओं का बाजार गर्म है। हर पल प्रत्याशी जीत और हार रहे हैं। इस जीत-हार के समर्थक अपने तर्क दे रहे हैं। करियाना स्टोर पर आए लोगों के बीच प्रत्याशियों को लेकर बातचीत जारी रही। यहां बैठे लोग अपने प्रत्याशियों के खिलाफ सुनना पसंद नहीं करते। इनकी चर्चा में निर्दलीय प्रत्याशी भी स्थान रखते हैं। कौन कहां से किसको मात देगा है, इसका पूरा लेखा-जोखा लेकर लोग कयास लगाने का काम रहे हैं। सिटी सेंटर, आइटीआइ मोड़, वर्कशॉप रोड, शहीद भगत सिंह बाजार में लोगों की बातचीत का विषय यही रहा। 24 अक्टूबर को किसका विजय जुलूस निकलेगा। इन सवालों के साथ भी लोग माथा-पच्ची करने में लगे हैं।

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दुकानदार चंद्र ठकराल और कुलदीप थापर का कहना है कि उनकी नजरों में कुर्सी पर वही आदमी बैठने की योग्यता रखता है, जो जनहित पर बात करे। जब ऐसे प्रत्याशी कुर्सी पर होंगे तो निश्चित है कि जो बदलाव हुआ है वह बरकरार रहेगा। दोनों के बीच में आगे बात बढ़ी तो चंद्र बोले कि भाई कुछ भी हो काम तो बहुत हुए हैं। सिटी सेंटर मार्केट में दुकानदार दीपक का कहना है कि वह हमेशा न्यूट्रल रहे हैं। विकास के साथ हमेशा रहे हैं। उनकी वोट हमेशा सही जगह रही है। इस बार भी वे मूड बनाकर बैठे हैं। जिसने हित में कार्य किया उसी को मतदान देंगे। इसी तरह विक्की ने बताया कि जनप्रतिनिधि ऐसा हो बेरोजगारी खत्म करने की बात कहे। केवल बात नहीं करे, बल्कि युवाओं को उनकी योग्यता अनुसार रोजगार के साधन उपलब्ध कराए। रोजगार पर जो है वही समाज के विकास में अपना योगदान दे सकता है। दुकानदार सन्नी बोले कि हां भाई बात तो इस तरह कर रहे हैं मानों प्रत्याशियों की हार जीत का सारा आंकड़ा साथ लेकर चल रहे हो। उन्होंने इस बार देखा कि नौकरी में योग्यता को देखा गया है। इस बार भी वे पारदर्शिता के साथ है। उनको उम्मीद हुई कि नई युवा पीढ़ी को रोजगार के साधन उपलब्ध हो सकेंगे।


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