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एमआरसी हिरासत में, जगाधरी एसडीएम का तबादला

जागरण संवाददाता यमुनानगर नीलामी के वाहनों के फर्जी दस्तावेज तैयार करने के मामले की ज

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Feb 2021 08:10 AM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2021 08:10 AM (IST)
एमआरसी हिरासत में, जगाधरी एसडीएम का तबादला
एमआरसी हिरासत में, जगाधरी एसडीएम का तबादला

जागरण संवाददाता , यमुनानगर :

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नीलामी के वाहनों के फर्जी दस्तावेज तैयार करने के मामले की जांच के बीच एसडीएम जगाधरी दर्शन कुमार का तबादला हो गया। उन्हें आपदा प्रबंधन का डिप्टी सचिव लगाया गया है। प्रदेश में यह एक ही तबादला हुआ है। एसडीएम कार्यालय जगाधरी व बिलासपुर का रिकार्ड भी पुलिस के पहरे में हैं। अब इस फर्जीवाड़े की जांच विभागीय कर्मियों तक भी पहुंचने लगी है। कंप्यूटर आपरेटर अमित कुमार के सिरसा कोर्ट में सरेंडर किए जाने के बाद अब स्थानीय एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम) ने एमआरसी (मोटर व्हीकल क्लर्क) राजेंद्र डांगी को हिरासत में ले लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। एसपी कमलदीप गोयल का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। अभी आरोपित अमित सिरसा पुलिस की हिरासत में है। उसे भी प्रोडक्शन रिमांड पर लिया जाएगा।

सिरसा पुलिस ने वाहनों के फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में रोहतक निवासी सुनील चिटकारा को पकड़ा। उससे पूछताछ के बाद सामने आया कि इस पूरे फर्जीवाड़े के तार जगाधरी के ई दिशा केंद्र से जुड़े हैं। यहां पर तैनात कंप्यूटर आपरेटर अमित कुमार व एमआरसी राजेंद्र डांगी ही वाहनों के फर्जी दस्तावेज तैयार करते थे। आठ फरवरी को आरोपित अमित कुमार ने सिरसा कोर्ट में सरेंडर कर दिया। उस पर जगाधरी व बिलासपुर में दो केस दर्ज हैं। एक केस जगाधरी एसडीएम दर्शन कुमार ने दर्ज कराया। जबकि बिलासपुर में एमआरसी संजीव कुमार ने अमित पर केस दर्ज कराया। इस मामले की जांच के लिए एसपी कमलदीप गोयल ने एसआइटी बनाकर जांच शुरू करा दी। बड़ा हो सकता है फर्जीवाड़ा

डीएसपी जगाधरी के नेतृत्व में जांच के लिए एसआइटी बनी है। जिसमें दो इंस्पेक्टर शामिल हैं। जिस हिसाब से फर्जीवाड़े की परतें खुल रही हैं। इसमें हजारों गाड़ियों का फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन किए जाने की बात सामने आ रही है। ऐसे में जांच के लिए अब एसआइटी में एक और इंस्पेक्टर को शामिल किया जाएगा। ताकि जांच को और तेजी से किया जा सके। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने भी भेजा पत्र

चरखी दादरी निवासी अमनदीप सिंह ने भी इस फर्जीवाड़े को लेकर 24 जुलाई 2020 को राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र भेजा था। 27 जनवरी 2021 को ई-मेल के माध्यम से भी शिकायत भेजी। जिसमें कहा गया कि फर्जीवाड़े में एसडीएम जगाधरी, लिपिक व कंप्यूटर आपरेटर और दलालों ने मिलकर नीलामी के वाहनों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर भ्रष्टाचार किया। इस मामले पर भी अतिरिक्त मुख्य सचिव ने संज्ञान लिया। उनकी ओर से डीसी व शिकायतकर्ता को पत्र भेजकर मामले में नियमानुसार जांच करने के आदेश दिए गए हैं।

अब एमआरसी लिया हिरासत में

एमआरसी राजेंद्र का नाम शुरू से ही इस फर्जीवाड़े में सामने आ रहा था, लेकिन एसआइटी ने उससे कोई पूछताछ नहीं की। सिरसा पुलिस ने आरोपित के हवाले से राजेंद्र डांगी के नाम का पर्दाफाश किया लेकिन इसके बाद भी वह ड्यूटी पर आता रहा। स्थानीय एसआइटी ने उससे कोई पूछताछ तक नहीं की। अब आरोपित अमित की गिरफ्तारी के बाद एसपी ने रिकार्ड का निरीक्षण किया और रिकॉर्ड रूम के बाहर पुलिस बिठा दी गई, ताकि दस्तावेजों से कोई भी छेड़छाड़ न हो सके। साथ ही एमआरसी राजेंद्र डांगी को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया है।


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