बेटे की हत्यारिन पुत्रवधू को सजा दिलवाने में 74 साल के पिता को लग गए पांच साल
प्लाईवुड व्यापारी 40 वर्षीय योगेश बत्रा के हत्यारों को सजा दिलाने में 74 वर्षीय पिता सुभाष बत्रा लंबा संघर्ष करना पड़ा। पुलिस से लेकर कोर्ट तक पुत्रवधू व अन्य दोषियों को सजा दिलाने के लिए उन्होंने दिन रात एक किया हुआ था। अब दोषियों को सजा मिलने पर उनको सुकून मिला है। 74 वर्षीय सुभाष बत्रा मूलरुप से उत्तराखंड के खटीमा के रहने वाले हैं।
संवाद सहयोगी, जगाधरी : प्लाईवुड व्यापारी 40 वर्षीय योगेश बत्रा के हत्यारों को सजा दिलाने में 74 वर्षीय पिता सुभाष बत्रा लंबा संघर्ष करना पड़ा। पुलिस से लेकर कोर्ट तक पुत्रवधू व अन्य दोषियों को सजा दिलाने के लिए उन्होंने दिन रात एक किया हुआ था। अब दोषियों को सजा मिलने पर उनको सुकून मिला है। 74 वर्षीय सुभाष बत्रा मूलरुप से उत्तराखंड के खटीमा के रहने वाले हैं। वह अपनी पत्नी कैशाल रानी के साथ भटकते रहते थे। सुभाष बत्रा का कहना है कि योगेश उनका इकलौता बेटा था। वह दिल्ली के रोहणी स्कूल में पढ़ता था। यहीं पर प्राइवेट स्कूल में प्रियंका भी पढ़ती थी। दोनों शादी से पहले एक दूसरे को जानते थे। 1999 वर्ष में उनकी अरेंज मैरिज हुई थी। शादी से 21 साल की पौत्री व 18 साल का पौत्र है। बेटे का यमुनानगर में अच्छा कारोबार चल रहा था। प्रियंका के खर्च बढ़ते जा रहे थे। योगेश की हत्या का उसका कोई अफसोस नहीं था। वह कुछ दिनों बाद ही चंडीगढ़ जाकर पार्टियां करनी लगी। वहां पर नाच गाना होता था। ये फोटो उनको जब मिले तो उन्होंने उस पर कार्रवाई करवाने का मन बनाया था।
बुधवार को जिला एवं सत्र न्यायधीश दीपक अग्रवाल की अदालत ने व्यापारी योगेश बत्रा की हत्या की दोषी पत्नी प्रियंका बत्रा, उसके प्रेमी कृष्णा गली छोटी लाइन के रोहित उर्फ मद्दी, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के गांव रणदेवा निवासी श्यामसुंदर उर्फ सोनू और नकुड के सतीश उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने इस केस को रेयरेस्ट श्रेणी में रखा है।
मृतक के रिश्तेदार के सामने हकीकत बयां करना पड़ा महंगा
केस दर्ज होने के बाद रोहित ने लाडवा निवासी सुरेंद्र (सुभाष बत्रा का रिश्तेदार) के सामने योगेश बत्रा की हत्या की हकीकत बयां की थी। साथ ही बचाव की गुहार भी लगाई थी। इसके बाद सुरेंद्र, रोहित को करनाल पुलिस के पास ले गया। 21 मार्च 2017 को रोहित को गिरफ्तार किया गया। रोहित व सुरेंद्र एक दूसरे को काफी समय से जानते थे। सुरेंद्र, रोहित के यहां यमुनानगर अक्सर क्रोकरी खरीदने आता था। पुलिस ने 23 मार्च 2017 को पानीपत से प्रियंका को गिरफ्तार किया, जबकि अन्य आरोपित सतीश व श्यामसुंदर को 24 मार्च 2017 को करनाल से काबू किया गया।
50 हजार एडवांस देकर सतीश को बुलाया था
पुलिस जांच के मुताबिक रोहित ने करनाल के निजी अस्पताल में काम करने वाले सतीश के 50 हजार रुपये एडवांस देकर हत्या के लिए हायर किया था। पांच लाख रुपये काम होने के बाद देने की बात तय हुई थी। हत्या की रात उक्त तीनों करनाल से गाड़ी में सवार होकर जगाधरी सेक्टर 17 आए। प्रियंका के साथ मिलकर उन्होंने योगेश बत्रा के मुंह पर तकिया रखकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद लौट गए।
काल डिटेल बनी अहम सबूत
पुलिस ने जब आरोपितों की काल डिटेल खंगाली, तो उनकी मुश्किलें बढ़ गई। सरकारी वकील संजीव कुमार ने बताया कि हत्या की रात रोहित, श्याम सुंदर व सतीश के मोबाइल की लोकेशन मृतक के घर व आसपास पाई गई। जब वे करनाल से आए, तो उसमें भी लोकेशन ट्रेस हुई। जब पुलिस ने प्रियंका, रोहित, श्याम सुंदर व सतीश की काल डिटेल खंगाली, तो उनमें आपस में बातचीत पाई गई।
यह था मामला
प्लाईवुड फैक्टरी के संचालक हुडा सेक्टर-17 के योगेश बत्रा की मौत 27 मई 2016 की रात को हुई थी। बिना पोस्टमार्टम संस्कार कर दिया गया था। योगेश के पिता सुभाष बत्रा ने तब कहा था कि बेटे की पत्नी की बात पर उन्होंने विश्वास कर लिया था। उन्होंने हार्ट अटैक से मौत होने की बात कही थी, लेकिन बाद में योगेश के पिता के हाथ कुछ सुबूत लगे थे, जोकि हत्या की और इशारा करते थे। इसके बाद उनके पिता ने शिकायत एसपी को दी थी। जगाधरी पुलिस ने 302, 506, 120बी, 201, 404, 203 में केस दर्ज किया। इसके बाद सुभाष बत्रा ने शिकायत डीजीपी को दी। डीजीपी के आदेश पर करनाल पुलिस की एसआइटी बनाई। करनाल पुलिस ने इसे हत्या करार देते हुए प्रियंका, रोहित, सतीश और श्यामसुंदर को गिरफ्तार किया। तब आरोपियों ने बताया था कि उन्होंने योगेश को सोते हुए रात को बेहोशी का इंजेक्शन लगाना चाहा, लेकिन इंजेक्शन नहीं लगा। इसके बाद उसका मुंह और नाक दबाकर उसकी हत्या कर दी थी।
जिम करते हुए ट्रेनर रोहित से हो गई थी प्रियंका की दोस्ती
पुलिस ने पूछताछ के बाद खुलासा किया था कि प्रियंका बत्रा और रोहित के बीच अवैध संबंध थे। रोहित जिम ट्रेनर था और प्रियंका जिम करने के लिए जाती थी। दोनों ने योगेश को रास्ते से हटाने के लिए उसकी हत्या की प्लानिग रची थी और मिलकर हत्या की थी। हालांकि बाद में चारों को जमानत मिल गई थी। वहीं इसी बीच योगेश के पिता ने कोर्ट में याचिका लगाई कि हत्या में योगेश की बेटी भी शामिल थी, लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने उसे आरोप मुक्त कर दिया था।