फर्जीवाड़ा पकड़ने की बजाय बैंक से खाता बंद करवाने को कह रहे कर्मचारी
करेहड़ा खुर्द बाग का माजरा में लोगों के साथ हुए पेंशन फर्जी वाड़े के बाद बैंक के कर्मचारी पेंशधारकों को बैंक से खाता बंद करवाने को कह रहे हैं।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
करेहड़ा खुर्द बाग का माजरा में लोगों के साथ हुए पेंशन फर्जीवाड़ा की जांच को लेकर अधिकारी बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। बैंक खातों से लोगों की पेंशन कैसे निकली इसका पता लगाने की बजाय कर्मचारी उन्हें यह कह रहे हैं कि वह बैंक से अपने खातों को बंद करवा सकते हैं। परंतु लोगों ने खातों को बंद करवाने से साफ इंकार कर दिया। लोगों का कहना है कि खातों को बंद कर बैंक अधिकारी इस फर्जीवाड़े को छिपाना चाहते हैं। परंतु वह ऐसा नहीं होने देंगे। उनके खाते से डेबिट कार्ड के जरिए पैसे निकले हैं।
गांव की लक्ष्मी देवी, बोहती देवी, लीला देवी, सोनी देवी, सेवा राम, रोशन लाल, प्रकाशो देवी का कहना है कि गांव के दर्जनों लोगों के खातों से दो साल में लाखों रुपये निकल चुके हैं। जिससे लोगों का तो नुकसान हुआ ही है साथ में सरकार की छवि भी खराब हुई है। क्योंकि सरकार द्वारा भेजी जा रही राशि पात्रों को नहीं मिल रही। इस बारे में वह कई बार आइसीआइसीआइ बैंक में भी गए। परंतु बैंक प्रबंधकों ने उनकी एक नहीं सुनी। अब प्रबंधक कह रहे हैं कि वह लिखित में शिकायत करें। लिखित शिकायत के बारे में तो प्रबंधक उस वक्त भी बता सकते थे जब वह पहली बार उनसे मिलने गए थे। उन्होंने बताया कि बैंक के कर्मचारी उनके पास आए थे। कर्मचारियों ने उनसे कहा कि यदि वह बैंक की सेवाओं से संतुष्ट नहीं है तो वह अपने खातों को बंद कर किसी दूसरे बैंक में खोल सकते हैं। जांच को खत्म करने की साजिश
प्रभावित लोगों का कहना है यदि उन्होंने आइसीआइसीआइ से अपने खातों को बंद करवा लिया तो कभी इस फर्जीवाड़े का खुलासा नहीं होगा। हो सकता है इस फर्जीवाड़े में बैंक के ही कर्मचारी ही शामिल हों। क्योंकि खाता बंद करवाने के बाद बैंक प्रबंधक उन्हें यह कह कर टरका देंगे कि अब उनका खाता बैंक में नहीं है। इसलिए जांच भी बंद हो गई है। उन्हें बैंक द्वारा दी जा रही सुविधाओं से कोई दिक्कत नहीं है। परंतु सभी लोग जानना चाहते हैं कि जिसने भी उनके खातों से रुपये निकाले हैं। उन पर कार्रवाई की जाए।