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हादसे में सड़क पर पड़े घायल तड़पते रहे, कंट्रोल रूम में नहीं रिसीव हुई कॉल और न ही एंबुलेंस पहुंची

सुढैल गांव के पास विपरीत दिशा से आ रहे छोटा हाथी ने बाइक

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 07:08 AM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 07:08 AM (IST)
हादसे में सड़क पर पड़े घायल तड़पते रहे, कंट्रोल रूम में नहीं रिसीव हुई कॉल और न ही एंबुलेंस पहुंची
हादसे में सड़क पर पड़े घायल तड़पते रहे, कंट्रोल रूम में नहीं रिसीव हुई कॉल और न ही एंबुलेंस पहुंची

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

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सुढैल गांव के पास विपरीत दिशा से आ रहे छोटा हाथी ने बाइक सवार तीन युवकों को टक्कर मार दी। जिसमें तीनों युवक जख्मी हो गए। छोटा हाथी भी अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खेतों में पलट गया। आसपास के लोग एकत्र हुए। मौके से ही एंबुलेंस व कंट्रोल रूम में कॉल की गई, लेकिन किसी ने कॉल रिसीव नहीं की। करीब एक घंटे तक घायल सड़क पर ही पड़े तड़पते रहे। बाद में भाकियू के संगठन सचिव हरपाल सिंह अपनी कार लेकर आए और घायलों को अस्पताल में पहुंचाया। यहां पर भी घायलों को ले जाने के लिए कोई कर्मचारी नहीं आया। बाद में सिविल सर्जन को कॉल की गई।

दरअसल, वीरवार की देर शाम धौडंग निवासी राकेश, महेंद्र व सुखपुरा निवासी अभिषेक बाइक पर सुढैल की ओर से आ रहे थे। जब वह खेड़ा के पास पहुंचे, तो सामने से उल्टी दिशा से छोटा हाथी गति से आया और उनकी बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही वह तीनों सड़क पर जा गिरे। सिर में चोट लगने से वह जख्मी हो गए। जबकि छोटा हाथी भी खेतों में पलट गया। करते रहे कॉल, नहीं रिसीव किया फोन :

भाकियू के संगठन सचिव हरपाल सिंह ने बताया कि वह भी हादसे की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे। यहां से घायलों को भिजवाने के लिए एंबुलेंस को कॉल की गई, लेकिन किसी ने कॉल रिसीव नहीं की। बाद में कंट्रोल रूम में कॉल किया, तो वहां पर भी किसी ने कॉल रिसीव नहीं की। करीब एक घंटे तक घायल सड़क पर ही पड़े रहे। उन्हें दर्द से तड़पता देख वह अपनी कार में इन घायलों को लेकर जगाधरी के सिविल अस्पताल में पहुंचे। यहां पर भी करीब 15 मिनट तक कोई कर्मी स्ट्रेचर लेकर नहीं आया। जिस पर सिविल सर्जन को कॉल की, तो उन्होंने तर्क दिया कि स्टाफ की कुछ कमी है। यहां भी करीब 15 मिनट बाद स्टाफ आया और घायलों को लेकर गए। उनका कहना है कि यह लापरवाही है। न तो कंट्रोल रूम में किसी ने कॉल रिसीव की और न ही एंबुलेंस के लिए। यदि घायलों को समय पर अस्पताल में लेकर नहीं आते, तो इनकी जान भी जा सकती थी।


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