बढ़ता तापमान, बढ़ रही मरीजों की संख्या, चपेट में आ रहे बच्चे
गर्मी है कि कम होने का नाम ही नहीं ले रही। जिले में रविवार को अधिकतम तापमान 41 और न्यूनतम 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बढ़ता तापमान स्वास्थ्य पर भारी पड़ने लगा है। खासकर छोटे बच्चों को गर्मी ज्यादा चपेट में ले रही है। इस कारण उल्टी, व बुखार के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। चिकित्सक इस मौसम में एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं।
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- बुखार के मरीजों की संख्या में हुआ इजाफा जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
गर्मी है कि कम होने का नाम ही नहीं ले रही। जिले में रविवार को अधिकतम तापमान 41 और न्यूनतम 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बढ़ता तापमान स्वास्थ्य पर भारी पड़ने लगा है। खासकर छोटे बच्चों को गर्मी ज्यादा चपेट में ले रही है। इस कारण उल्टी, व बुखार के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। चिकित्सक इस मौसम में एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं।
बाल रोग विशेष डॉ. अरुण गुप्ता ने बताया कि इस समय 50 प्रतिशत बच्चे उल्टी व दस्त के रोगी व 40 प्रतिशत बच्चे बुखार से पीड़ित उनकी ओपीडी में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि माता पिता कुछ बातों को ध्यान में रखकर बच्चों को गर्मी से बचा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि छह माह की आयु तक शिशु को सिर्फ स्तनपान कराएं। छोटे बच्चों को धूप में न लेकर जाएं। छह माह से बड़े बच्चे को समय-समय पर पानी पिलाएं। गोद में उठाने से पहले साबुन से हाथ धोएं। हेपेटाइटिस ए, टाइफाइड का टीका जरूर लगवाएं। तीन साल से बड़े आयु के बच्चों के बारे में बताया कि तेज धूप में खेलने से रोकें। एसी से निकलकर बच्चे सीधे मैदान में न जाएं। बच्चे बाहर जाएं तो छाता लेकर निकलें। शिकंजी, जलजीरा, नारियल पानी जरूर दें। नाखून की सफाई रखें। बाजार की वस्तुओं से परहेज करें। इससे पेट में इंफेक्शन हो सकता है। इस कारण बढ़ रही गर्मी
डॉ. गुप्ता का कहना है कि इस तरह हर वर्ष गर्मी बढ़ने का मुख्य कारण पेड़ों की घटती संख्या है। पेड़ कम होने से प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहा है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि अधिक से अधिक पौधे रोपित करें। आज के लोग पहले से ज्यादा जागरूक हुए हैं। लोग आरओ प्योरीफायर का पानी पीते हैं। सफाई का ध्यान रखा जाता है। इससे हैजा, पीलिया जैसे रोगों में कमी आई है। गर्मी में एहतियात रखने की जरूरत है।