आइएमए ने कोविड मरीजों के लिए घटाई इलाज की दरें
कोरोना संक्रमित मरीजों से कोई भी निजी चिकित्सक अधिक पैसे नहीं लेंगे।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कोरोना संक्रमित मरीजों से कोई भी निजी चिकित्सक अधिक पैसे नहीं वसूल सकेगा। आइएमए के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रेट निर्धारित किए गए हैं। जिसमें सरकारी रेट से भी कम पर इलाज करने पर सहमति बनी हुई है। इसके लिए नई रेट लिस्ट को अप्रूवल दिया गया है। रविवार को यह रेट लिस्ट सभी कोविड सेंटरों पर चस्पा कर दी गई है। इससे कोरोना संक्रमित मरीजों व उनके स्वजनों को काफी राहत मिलेगी।
कोरोना महामारी के नाम पर मरीजों की जेब काटी जा रही थी। कोविड अस्पतालों में दाखिल मरीजों का लाखों रुपये के हिसाब से बिल बन रहा था। जिस पर अक्सर अस्पताल संचालकों व मरीजों के तीमारदारों के बीच विवाद भी हो रहा था। कई बार मरीज की मौत होने पर विवाद अधिक गहरा जाता है। अभी हाल ही में दो अस्पतालों में मरीज की मौत होने पर स्वजनों ने हंगामा भी किया था। अधिक रेट होने की वजह से ही यह समस्या आ रही थी।
आपदा के समय में न कटे मरीजों की जेब :
आपदा के समय में मरीजों की जेब न कटे। इसके लिए सरकार ने कोविड सेंटर बने निजी अस्पतालों के रेट निर्धारित किए थे। इस संबंध में आइएमए के पदाधिकारियों के साथ भी स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की बैठक हुई थी। जिसमें आइएमए ने आश्वासन दिया था कि वह सरकार की ओर से निर्धारित दाम से भी कम में मरीजों का इलाज करेंगे। अब इस पर फाइनल मोहर लग गई है।
होम आइसोलेशन के मरीजों के लिए भी शुरू की सेवा :
आइएमए की ओर से होम आइसोलेशन के मरीजों के लिए भी हेल्पलाइन सेवा शुरू की गई है। इसके तहत मोबाइल नंबर 89509-54350 पर कॉल कर मरीज स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ले सकते हैं। इस समय जिले में 22 अस्पतालों में कोविड सेंटर बनाए गए हैं। इनमें कोविड संक्रमितों का इलाज किया जा रहा है। इसके साथ ही स्वामी विवेकानंद अस्पताल में आर्थिक रूप से गरीब मरीजों के लिए पांच बेड आरक्षित किए गए हैं। जिनका निशुल्क इलाज किया जा रहा है। सिविल सर्जन डा. विजय दहिया ने बताया कि इस महामारी के समय में आइएमए की ओर से पूरा सहयोग मिल रहा है। अब आइएमए ने निजी अस्पतालों में रेट भी काफी कम किए हैं। जिससे कोरोना संक्रमितों पर अधिक भार नहीं पड़ेगा। सरकार के निर्धारित रेटों से भी कम में मरीजों का इलाज किया जा रहा है। नई रेट लिस्ट सभी अस्पतालों में चस्पा कर दी गई है। यदि कोई इससे अधिक पैसे वसूलता है, तो उसके बारे में स्वास्थ्य विभाग या आइएमए को सूचना दी जा सकती है।