केस दर्ज होने के बाद एसपी से मिलने पहुंचे आइजी, बोले गलत केस दर्ज हुआ
माडल टाउन में एक सप्ताह पहले दुकानों को तोड़ने व थाना शहर यमुनानगर में केस दर्ज होने के बाद सोमवार को आइटीबीपी ओली (उत्तराखंड) के आइजी शशि भूषण एसपी कमलदीप गोयल से मिलने पहुंचे। उन्होंने एसपी कमलदीप गोयल से करीब एक घंटा तक मुलाकात की। आइजी ने एसपी को बताया कि पुलिस ने उन पर गलत केस दर्ज किया है। जिन दुकानों को तोड़ा गया है। वह उनकी हैं। दुकानों से संबंधित सभी दस्तावेज उनके पास हैं।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
माडल टाउन में एक सप्ताह पहले दुकानों को तोड़ने व थाना शहर यमुनानगर में केस दर्ज होने के बाद सोमवार को आइटीबीपी ओली (उत्तराखंड) के आइजी शशि भूषण एसपी कमलदीप गोयल से मिलने पहुंचे। उन्होंने एसपी कमलदीप गोयल से करीब एक घंटा तक मुलाकात की। आइजी ने एसपी को बताया कि पुलिस ने उन पर गलत केस दर्ज किया है। जिन दुकानों को तोड़ा गया है। वह उनकी हैं। दुकानों से संबंधित सभी दस्तावेज उनके पास हैं। भविष्य में जब भी पुलिस जांच के लिए उनसे बात करेगी तो वह सहयोग करेंगे। पुलिस को सभी दस्तावेज मुहैया कराए जाएंगे। पुलिस ने आइजी को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा था, परंतु वह थाने में नहीं पहुंचे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें दूसरा नोटिस जारी करते हुए 24 जुलाई तक जांच में शामिल होने को कहा था। उनका यह भी कहना है कि दिसंबर 2014 से प्रापर्टी की डिग्री उनकी पत्नी की मासी पुष्पा शर्मा के नाम है। एसपी का कहना है कि आइजी ने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने दस्तावेज उपलब्ध करवाने की बात कही है।
आइजी के खिलाफ गांव नागल निवासी संजीव कुमार ने थाना शहर यमुनानगर में केस दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि आइजी ने माडल टाउन में बनी दुकानों व मकान को तुड़वा दिया। इसी मामले में आइजी खुद पर दर्ज हुए मामले को लेकर अपना पक्ष रखने पहुंचे थे। शशि भूषण का कहना है कि माडल टाउन में यह मकान और दुकानें कई साल से उनके नाम हैं। जिन लोगों ने दुकानों को किराए पर लिया था उन्होंने ही फर्जीवाड़ा किया है। उनके पास फर्जी दस्तावेज हैं। दुकानें और मकान तुड़वाने से पहले उन्होंने सूचना दे दी थी। दुकानों में रहने वालों को भी नोटिस देकर अपना सामान उठाने को कहा था, ताकि उनका किसी तरह का नुकसान न हो। एसपी कार्यालय जाने से पहले आइजी डीसी गिरीश अरोड़ा से भी मिले।
दुकानें तोड़ने पर बिगड़ा मामला :
माडल टाउन निवासी अंकुर व आदित्य के अधिवक्ता रमन कुमार का कहना है कि यह मकान आइजी के सुसर रामप्रकाश शर्मा के नाम था। मकान के बाहर चार दुकानें हैं। रामप्रकाश शर्मा की साली पुष्पा शर्मा उनके घर ही रहती थी। रामप्रकाश शर्मा की वर्ष 2010 में मौत हो गई। उनके मुताबिक बाद में पारिवारिक समझौता हुआ यह मकान शर्मा के पोतों के नाम होना चाहिए। जोडिया व पुराना हमीदा की संपत्ति पुष्पा शर्मा के नाम होगी। शर्मा के पोते अंकुर व आदित्य ने दुकानों को किराए पर दे दिया। पुष्पा शर्मा आइजी के साथ चली गई या वह उनको ले गए। वर्ष 2013 में उन्होंने प्रापर्टी की डिग्री के लिए कोर्ट में केस किया था। उनके मुताबिक पुष्पा शर्मा ने लिखित में दिया था कि माडल टाउन की प्रापर्टी छोड़ने के लिए तैयार है। अब दुकान तोड़ने पर दुकानदार ने केस दर्ज करवाया दिया। उनके मुताबिक दुकान तोड़ने से काफी नुकसान है।