पराली न जलाने वाले किसानों को किया सम्मानित, डीसी बोले : दैनिक जागरण ने निभाया सामाजिक सरोकार
दैनिक जागरण की ओर से पराली नहीं जलाएंगे पर्यावरण को बचाएंगे.. अभियान के तहत कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिला उपायुक्त मुकुल कुमार ने उन किसानों को सम्मानित किया जिन्होंने फसल अवशेष प्रबंधन में अहम भूमिका निभाई।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
दैनिक जागरण की ओर से पराली नहीं जलाएंगे पर्यावरण को बचाएंगे.. अभियान के तहत कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिला उपायुक्त मुकुल कुमार ने उन किसानों को सम्मानित किया, जिन्होंने फसल अवशेष प्रबंधन में अहम भूमिका निभाई। डीसी ने कहा कि दैनिक जागरण समाचार पत्र जन जागरूकता में अहम भूमिका निभा रहा है। पराली न जलाने का संदेश देकर सामाजिक सरोकार को निभाया है। यह सराहनीय कदम है। इसकी जितनी सराहना की जाए कम है। कार्यक्रम के दौरान जिला उपायुक्त ने फसल अवशेष प्रबंधन में अहम भूमिका निभाने वाले कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त पौधा संरक्षण अधिकारी डॉ. राकेश कुमार जांगड़ा, गुण नियंत्रण निरीक्षक डॉ. बलबीर सिंह भान, सहायक कृषि अभियंता डॉ. विनीत जैन, खंड कृषि अधिकारी डॉ. वजीर सिंह, डॉ. राजपाल मलिक को भी सम्मानित किया। इनसेट
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सरकार फसल अवशेष प्रबंधन पर विशेष रूप से ध्यान दे रही है। किसानों को इस मुहिम से जुड़ना चाहिए। किसानों को फसल अवशेष खेतों में जलाने नहीं चाहिए, बल्कि उनका प्रबंधन करना चाहिए। ऐसा करने से न केवल भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी, बल्कि पर्यावरण प्रदूषित भी नहीं होगा। जमीन के अंदर पोषक तत्व मौजूद रहेंगे। फसल पर किसान की लागत कम आएगी और पैदावार भी अव्वल होगी।
मुकुल कुमार, उपायुक्त। फोटो : 25
दैनिक जागरण की ओर से चलाया गया यह अभियान सराहनीय है। किसानों को चाहिए कि फसल अवशेष न जलाएं। अवशेष जलाने से सिर्फ जमीन की उर्वरा ही कमजोर नहीं होती, बल्कि कृषि मित्र कीट जलकर मर जाते हैं। धुएं से निकलने वाली जहरीली गैस की मात्रा पर्यावरण में बढ़ जाती है। प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए किसानों को अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए। हमें प्रण लेना चाहिए कि भविष्य में न तो स्वयं फसल अवशेष जलाएंगे और न ही दूसरों को जलाने देंगे।
डॉ. राकेश जांगड़ा, अतिरिक्त पौधा संरक्षण अधिकारी। इनसेट
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फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर दैनिक जागरण की ओर से चलाई गई मुहिम सराहनीय है। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। किसानों को फसल अवशेष जलाने नहीं चाहिए बल्कि उनका प्रबंधन करना चाहिए। फसल अवशेष जलाने से भूमि की उपजाऊ क्षमता लगातार घट रही है। नाइट्रोजन, सल्फर और अन्य पोषक तत्वों में कमी आई है। मित्र कीट नष्ट होने से शत्रु कीटों का प्रकोप बढ़ा है जिससे फसलों में तरह-तरह की बीमारियां हो रही हैं।
डॉ. विनीत जैन, सहायक कृषि अभियंता। इनसेट इन किसानों को किया सम्मानित
भारतीय किसान संघ से प्रदेश मंत्री रामबीर सिंह चौहान उन्हेड़ी, जिलाध्यक्ष पिटू राणा खानपुर, प्रताप राणा खजूरी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रतन सिंह देवधर, जिला उपाध्यक्ष मोहकम सिंह, किसान रणधीर सिंह, सुरेश लक्सीबांस, भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष संजू गुंदियाना, जिला कोषाध्यक्ष राजबीर जत्थेदार, धर्मपाल गुंदियाना, मोहन लाल, पूर्ण सैनी, संदीप महेश्वरी, दामला से अनेज कांबोज, बुबका से गौरव कांबोज, भारतीय किसान यूनियन ( टिकैत गुट ) के जिलाध्यक्ष सुभाष गुर्जर, नगला जागीर के जसवीर सिंह, ऊंचा चंदना के मांगा राम, नगला जागीर के गुरदीप सिंह, अर्जुन सिंह, ऊंचा चंदना से राजकुमार, कंड्रोली से मोहन लाल, सुरजीत सिंह, बकाना से सतीश कुमार, सुशील कुमार, राजीव उन्हेंड़ी, नंदगढ़ से महावीर, प्रताप नगर से यशपाल वालिया, जयपुर से रमेश कुमार, मालीमाजरा से योगेश कुमार, हरीपुर जाटान से रणजीत सिंह, नगावां जागीर से वीरेंद्र कुमार, मंसूरपुर से संजीव कुमार, शादीपुर से इंद्र सिंह, शादीपुर से जगदीश कटारिया, चगनौली से गुरमिद्र सिंह, टेही जाटान से सुरेश कुमार, छोली से सुरजीत सिंह, मुंडाखेड़ा से भारत राम, भगवानपुर से ईश्वर चंद, नाहरताहरपुर से संत प्रकाश को सम्मानित किया गया।