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मलेरिया से बचाव के लिए तालाबों में गंबूजिया मछली छोड़ेगा स्वास्थ्य विभाग

कोरोना महामारी का खतरा अब कम हो गया है। इसके साथ ही मलेरिया का सीजन शुरू हो गया है। इस बार स्वास्थ्य विभाग कोरोना महामारी में उलझा रहा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 06:10 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 06:10 AM (IST)
मलेरिया से बचाव के लिए तालाबों में गंबूजिया मछली छोड़ेगा स्वास्थ्य विभाग
मलेरिया से बचाव के लिए तालाबों में गंबूजिया मछली छोड़ेगा स्वास्थ्य विभाग

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कोरोना महामारी का खतरा अब कम हो गया है। इसके साथ ही मलेरिया का सीजन शुरू हो गया है। इस बार स्वास्थ्य विभाग कोरोना महामारी में उलझा रहा। जिस वजह से मलेरिया को लेकर अधिक जागरूकता अभियान भी नहीं चल सके। अब कई दिन से रोजाना बरसात हो रही है। जिस वजह से पानी जमा हो रहा है। ऐसे में मलेरिया का लारवा अधिक पनपने की संभावना रहती है। इसके लिए अब स्वास्थ्य विभाग ने तालाबों व पोखरों में गंबूजिया मछली छोड़ने की तैयारी कर ली है। कुछ जगहों पर मछलियां छोड़ी गई है।

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यह मछली डेंगू और मलेरिया फैलाने वाले जानलेवा मच्छरों के लारवा को खाकर जिले को मच्छरों के प्रकोप से बचाएगी। जिला मलेरिया विभाग ने अभी हाल में तीन हजार गंबूजिया मछली 60 से ज्यादा तालाबों में छोड़ी हैं। जिले के 60 से ज्यादा क्षेत्रों को चिहित किया गया है। जहां पर जलभराव अधिक होता है। वहां भी यह मछलियां छोड़ी जाएगी।

100 से 300 लारवा खाती हैं एक मछली :

मादा एडीज मच्छर और मलेरिया फैलाने वाले मादा एनाफलीज मच्छरों को फैलने से रोकने के लिए तालाबों और जलभराव वाले क्षेत्रों में गंबूजिया मछली छोड़ी जाती है। यह मछली 24 घंटे में 100 से 300 लारवा खा सकती है। इस मछली को बढ़ने में तीन से छह महीने का समय लगता है। एक मछली एक महीने में 50 से 200 अंडे दे सकती है। साथ ही यह चार से पांच वर्ष तक जिदा रह सकती है।

इस बार सर्वे भी नहीं कर सका विभाग :

स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर वर्ष हाउसहोल्ड सर्वे कराया जाता है। इसके लिए तहत लोगों के घरों में जाकर जांच की जाती है। छतों पर पड़े पुराने बर्तनों, टायरों, कूलरों आदि में जमा पानी को साफ कराया जाता है। यदि किसी के घर में लारवा मिलता है, तो उसे नोटिस भी दिया जाता है। इस बार यह अभियान स्वास्थ्य विभाग शुरू ही नहीं कर पाया। कुछ क्षेत्र चिहित किए गए थे। वहां पर भी स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं पहुंची।

यह करें लोग :

घरों के आसपास पानी एकत्र न होने दें। यदि कही पर पानी एकत्र है, तो उसमें तेल डाल दें। जिससे लारवा न पनपे। घरों में कूलरों, फ्रिज की ट्रे का पानी भी बदलें। अपने आस-पास साफ-सफाई का ध्यान रखें। मछरदानियों का प्रयोग करें। यदि बुखार है, तो नजदीकी अस्पताल में जाकर अपना उपचार कराएं। फोटो 4

जिला मलेरिया अधिकारी डा. वागीश गुटैन ने बताया कि इस बार दस हजार गंबूजिया मछलियों को जलभराव वाले क्षेत्रों और कुओं में छोड़ा जाएगा। जिससे यहां जमा हुए लारवा को वह खत्म कर देंगी। जलभराव वाले क्षेत्रों को भी मलेरिया विभाग ने चिन्हित कर लिया है।


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