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केस दर्ज होने के बाद भी नाहरपुर के पूर्व सरपंच की गिरफ्तारी नहीं, एसपी से जांच की मांग

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : नाहरपुर के पूर्व सरपंच अशोक कुमार पर थाना जठलाना पुलिस ने चार जनवरी को सरकारी राशि में गबन करने का केस दर्ज किया था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Feb 2019 12:34 AM (IST)Updated: Fri, 01 Feb 2019 12:34 AM (IST)
केस दर्ज होने के बाद भी नाहरपुर के पूर्व सरपंच की गिरफ्तारी नहीं, एसपी से जांच की मांग
केस दर्ज होने के बाद भी नाहरपुर के पूर्व सरपंच की गिरफ्तारी नहीं, एसपी से जांच की मांग

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : नाहरपुर के पूर्व सरपंच अशोक कुमार पर थाना जठलाना पुलिस ने चार जनवरी को सरकारी राशि में गबन करने का केस दर्ज किया था। केस दर्ज हुए एक माह होने को है परंतु पुलिस ने अभी तक गिरफ्तारी नहीं की।

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यह बात नाहरपुर गांव निवासी कैप्टन कृपाल ¨सह संधू व गांव के पंचों ने कही है। उन्होंने मांग की है कि इस केस की जांच खुद एसपी करें, ताकि जल्द से जल्द आरोपित की गिरफ्तारी हो सके। वहीं गांव नाहरपुर के पूर्व सरपंच अशोक कुमार का कहना है कि 26 जनवरी तक मुझे सस्पेंड होने का कोई आदेश नहीं मिला था। 28 जनवरी को मुझे सस्पेंड करने का आदेश मिला था। मैंने एसपी को एक पत्र देकर इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की थी। जिसकी जांच डीएसपी रादौर द्वारा की जा रही है। जो लोग आरोप लगा रहे हैं वे मुझ पर पहले भी धोखाधड़ी का केस दर्ज करा चुके हैं। जब जांच हुई तो मैं निर्दोष पाया गया। अब डीएसपी की जांच में जो भी आएगा मुझे मंजूर होगा।

कृपाल ¨सह संधू ने कहा कि गांव के ही हरजीत ¨सह ने सीएम ¨वडो पर 16 अक्टूबर 2017 को पूर्व सरपंच अशोक कुमार के खिलाफ खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी जगाधरी को दी गई थी। आरोप था कि सरपंच ने गांव में जिन गलियों व श्मशान घाट की दीवार का कार्य करवाया उनमें घटिया ईंटें व सीमेंट लगाकर राशि का दुरूपयोग किया। उन्होंने भी 10 सितंबर 2018 को सरपंच के खिलाफ सीएम ¨वडो पर शिकायत दी थी। इस मामले की जांच पंचायती राज के एसडीओ द्वारा की गई थी, जिसमें सामने आया कि गांव नाहरपुर के विकास कार्यों पर 24335 रुपये की राशि अधिक खर्च दिखाई गई। यह राशि बाद में सरपंच ने पंचायत फंड में जमा करवा दी गई। स्पष्ट होता है कि सरपंच ने सरकारी राशि का गबन किया। साथ ही गांव में मिनी स्टेडियम से श्मशान घाट तक 25000 ईंटें ट्रैक्टर ट्राली से उठवाई गई थी। गांव के पंच परवेज के फर्जी साइन कर 10 हजार रुपये की ईंटें ढुलाई की रसीद इंद्राज कर राशि का गबन किया गया है, जबकि परवेज ने अपनी ट्रैक्टर-ट्राली बिना कोई किराया लिए मुफ्त में जन सेवा की थी। इस तरह से पंचायत फंड के 34335 रुपये की राशि का गबन किया गया था। कृपाल ¨सह संधू, पंच परवेज आलम, पंचायत सदस्या के पति इकराम व मेहरबान का आरोप है कि सस्पेंड होने के बावजूद सरपंच अशोक कुमार ने गणतंत्र दिवस पर राजकीय हाई स्कूल में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जो कि गलत है। दो साल में सरपंच तीन बार सस्पेंड हो चुका है लेकिन तत्कालीन डीसी ने बिना कोई जांच किए गलत तरीके से उन्हें बहाल कर दिया।


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