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पांच माह से मानदेय न मिलने से आंगनबाड़ी वर्करों ने किया सीडीपीओ के खाली कार्यालय का घेराव

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : पांच माह से मानदेय व डेढ़ साल से आंगनबाड़ी केंद्रों का किराय

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 May 2018 07:16 PM (IST)Updated: Thu, 24 May 2018 11:27 PM (IST)
पांच माह से मानदेय न मिलने से आंगनबाड़ी वर्करों ने किया सीडीपीओ के खाली कार्यालय का घेराव
पांच माह से मानदेय न मिलने से आंगनबाड़ी वर्करों ने किया सीडीपीओ के खाली कार्यालय का घेराव

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : पांच माह से मानदेय व डेढ़ साल से आंगनबाड़ी केंद्रों का किराया न मिलने पर सर्क

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आंगनबाड़ी वर्करों सर्कल जगाधरी की आंगनबाड़ी वर्करों ने बृहस्पतिवार को सीडीपीओ के खाली कार्यालय का घेराव करते हुए धरना देकर नारेबाजी की। वर्कर प्रवेश द्वार पर बैठी रही। उनको देखकर अंदर बैठी सुपरवाइजर बाहर निकल गई। वर्करों की मांग थी कि सीडीपीओ बुलाया जाए। उसके न आने पर मुंडा माजरा रोड पर जाम लगाया। बाद में पुलिस ने समझाकर शांत कराया। अधिकारी के न आने पर उसका तबादला करने की मांग प्रशासन से की। आंगनबाड़ी वर्कर यूनियन एंड हेल्पर्स की जिला प्रधान कुंज भट्ट ने बताया कि सर्कल में करीब 200 केंद्र है। पांच माह से मानदेय जारी नहीं होने आर्थिक संकट से जूझ रहीं हैं। कई वर्करों के घरों के चूल्हे नहीं जल रहे हैं। बच्चों का स्कूलों में दाखिला कराने के लिए गहने बेचने पड़ रहे हैं। ¨वडबना यह है कि सरकार की ओर से बजट जारी होने के बाद भी मानदेय नहंी दिया जा रहा। किराया न मिलने पर भवन मालिकों ने सेंटर बंद करने की चेतावनी दे दी है।किराए संबंधी सभी नियम पूरे करने के बाद भी उनको 1500 रुपये मासिक किराया नहीं दिया जा रहा है। इससे उनको परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

नहीं चाहिए इस अधिकारी से मानदेय और किराया

प्रधान कुंज भट्ट ने बताया कि वर्करों ने कई बार लिख कर दिया है कि उनको यह अधिकारी नहीं चाहिए। अब वह इसके साइन किए बाउचर से निकलने वाले चेक उनको नहीं चाहिए। जो भी नए अधिकारी आएगी उसके साइन किए चेक से मानदेय लेगी। ये अधिकारी उनको 10 साल से परेशान कर रही है।

बजट जारी होने के बाद भी आनाकनी क्यों

बजट जारी हुए भी एक माह हो गया है। एक करोड़ रुपये का एक बार और बाद में 10 लाख रुपये का बजट विभाग जारी कर चुका है। स्थानीय अधिकारी बिलों पर साइन करने में आनाकानी कर रही है। इस अधिकारी की मनमानी का खामियाजा वर्करों को भुगतना पड़ रहा है। जब तक उनका मानदेय जारी नहीं होता वह प्रदर्शन जारी रखेगी।

वर्जन

ट्रेजरी में है मानेदय के बिल : सीडीपीओ

सीडीपीओ प्रवीण छाबड़ा से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि सरकार ने पहले हिदायत दी थी कि सेंटरों का किराया भवन मालिक के खाते में डाला जाए। इसलिए वर्करों ने मालिकों के खाता नंबर लिए गए। बाद में फिर से निर्देश मिले गए कि वर्कर के खाते में पैसे डाले जाए, साथ ही इनसे पहले शपथ पत्र लिए जाए कि उसके केंद्र का इतना किराया है। ये बात वर्करों को पसंद नहीं आई। आधे से ज्यादा ने शपथ पत्र नहीं दिए। इसलिए सेंटर का किराया जारी होने में दिक्कत आई है। इनके मानदेय का बिल ट्रेजरी में जमा है। मंगलवार तक सब क्लीयर हो जाएगा। वह सरस्वती नगर में निरीक्षण करने गई हुई थीं


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