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कनाडा भेजने के नाम पर दो दोस्तों से साढ़े चार लाख ठगे

आरोपितों ने यमुनानगर में ही गोबिदपुरी रोड पर कार्यालय खोला हुआ था।पैसा लेने के बाद कार्यालय बंद कर फरार हो गए। अब आरोपित पैसा वापस नहीं कर रहे हैं। पुलिस ने शिकायत पर केस दर्ज कर लिया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 06:35 AM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 07:16 AM (IST)
कनाडा भेजने के नाम पर दो दोस्तों से साढ़े चार लाख ठगे
कनाडा भेजने के नाम पर दो दोस्तों से साढ़े चार लाख ठगे

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

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कनाडा भेजने के नाम पर अमादलपुर निवासी योगिद्र सिंह और आजादनगर के सतेंद्र कुमार से करीब साढ़े चार लाख रुपये की ठगी कर ली गई। आरोपितों ने यमुनानगर में ही गोबिदपुरी रोड पर कार्यालय खोल रखा था। पैसा लेने के बाद कार्यालय बंद कर फरार हो गए। अब आरोपित पैसा वापस नहीं कर रहे हैं। पुलिस ने शिकायत पर केस दर्ज कर लिया।

पुलिस को दी शिकायत के मुताबिक, योगिद्र और सतेंद्र दोनों दोस्त हैं। वह रोजगार की तलाश में कनाडा जाना चाहते थे। इस दौरान उन्होंने सनराइज इमिग्रेशन सेंटर का विज्ञापन देखा। जिस पर वह गोबिदपुरी रोड पर सनराइज इमिग्रेशन सेंटर में पहुंचे और इस बारे में बात की। वहां पर कैथल के कलायत निवासी लक्ष्मीनारायण, सिरसा के गांव थिराज के सिमरजीत सिंह, औगद के बिट्टू व शुभम, पंजाब के बरनाला जिले के गांव हडाया के गगनदीप सिंह व गोबिदपुरी के नीरज कुमार मिले। आरोपितों से बात की, तो उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रति व्यक्ति के हिसाब से दस लाख रुपये का खर्च आएगा। इसके बाद वह तैयार हो गया। आरोपितों ने पहले उन्हें मेडिकल कराने के लिए कहा। उसके लिए 50-50 हजार रुपये मांगे गए। पैसा लेने के बाद आरोपितों ने उनका मोहाली में लैब से मेडिकल कराया। फिर फाइल लगाने के लिए कहने लगे। जिस पर छह अक्टूबर 2019 को उनसे एक-एक लाख रुपये और लिए गए। कुछ दिनों बाद उन्हें वर्क परमिट का लेटर दिखाया। इसके बदले में 99 हजार 600 रुपये जमा कराए। यह पैसा नीरज कुमार के खाते में जमा कराया गया। पैसा लेने के बाद उनके पासपोर्ट ले लिए गए। कुछ दिनों में उनका वीजा लगवाने का आश्वासन दिया। एक माह बाद कार्यालय गए तो लगा था ताला

एक माह तक कोई जानकारी नहीं मिली तो वह छह नवंबर को आरोपितों के कार्यालय पर गए, तो वहां पर ताला लगा हुआ था। जब आरोपितों से फोन पर बात की, तो उधर से जवाब आया कि वह वीजा तैयार कराने के काम में लगे हुए हैं। इसी तरह से करीब दो माह बीत गए, लेकिन उनका वीजा नहीं लगा और न ही कार्यालय खुला। जब आरोपितों से पैसे वापस मांगे, तो उन्होंने पैसे नहीं दिए। जब आरोपित नीरज के खिलाफ थाने में शिकायत दी, तो वह उसने मार्च 2020 तक पूरे पैसे वापस करने की बात कही, लेकिन तय समय पर मुकर गया। अब पता चला है कि उन्होंने हिसार में किसी और नाम से कार्यालय खोल लिया है। पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर लिया।


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