सरकार के प्रयास व विशेषज्ञों के अनुभवों से मिलेगी कमजोर पड़े प्लाईवुड उद्योग को ताकत
प्लाईवुड के निर्यात में आ रही दिक्कतों व कानूनी पेचिदगियों पर विचार विमर्श के लिए फोरन को-आपरेशन विभाग की ओर से हरियाणा प्लाईवुड कनक्लेव का आयोजन किया गया। इसमें आबकारी एवं कराधान विभाग वन विभाग और एमएसएमई के उच्चाधिकारियों व अलग-अलग रिसर्च सेंटरों विशेषज्ञों सहित इंडियन एंबेसी इन थाइलैंड इंडियन एंबेसी इन बहरान व इंडियन एंबेसी इन थाइलैंड के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
प्लाईवुड के निर्यात में आ रही दिक्कतों व कानूनी पेचिदगियों पर विचार विमर्श के लिए फोरन को-आपरेशन विभाग की ओर से हरियाणा प्लाईवुड कनक्लेव का आयोजन किया गया। इसमें आबकारी एवं कराधान विभाग, वन विभाग और एमएसएमई के उच्चाधिकारियों व अलग-अलग रिसर्च सेंटरों विशेषज्ञों सहित इंडियन एंबेसी इन थाइलैंड, इंडियन एंबेसी इन बहरान व इंडियन एंबेसी इन थाइलैंड के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कनक्लेव में एक ओर जहां विशेषज्ञों ने प्लाईवुड का निर्यात को बढ़ाने के लिए अनुभव सांझे किए वहीं दूसरी ओर एग्रो फोरेस्ट्री के विकल्पों को भी अपनाने की सलाह दी गई। सीएम मनोहर लाल ने कार्यक्रम में रहे। साथ ही असम के प्लाइवुड उद्योग पर चर्चा के लिए असम के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री चंद्रमोहन पटवारी व शिक्षा, वन एवं पर्यटन मंत्री कंवरपाल भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा प्लाईवुड कनक्लेव लकड़ी से जुड़े उद्योग के लिए अनूठी पहल है। इसके आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्लाईवुड का एक्सपोर्ट बढ़ाना है। इसी उद्देश्य से अलग-अलग विभागों के विशेषज्ञ इसका हिस्सा बने। विशेषज्ञों से परामर्श के बाद प्लाईवुड एक्सपोर्ट के बढ़ाने का रोडमैप तैयार किया जाएगा। जन्म से अंतिम यात्रा तक लकड़ी का अपना महत्व :
सीएम ने कहा कि यह तो प्लाईवुड उद्योग को राहत देने का मामला है, लेकिन हमारी जीवन काल में लकड़ी का महत्व तो अलग ही है। बचपन से लेकर अंतिम यात्रा तक लकड़ी का प्रयोग होता है। 80-90 प्रतिशत लकड़ी का प्रयोग रहन-सहन, मकान बनाने, विभिन्न प्रकार के फर्नीचर तैयार करने के लिए किया जाता है। देश में 24 हजार करोड़ रुपये का कारोबार लकड़ी का है जिसमें आठ हजार करोड़ का योगदान अकेले हरियाणा का है। इसलिए लकड़ी के उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से कार्य किया जाएगा। इसी सोच के साथ हमने असम सरकार को पत्र लिखा। क्योंकि असम में प्लाईवुड का बड़ा कारोबार है। बांस से बोर्ड तैयार होता है। बांस से प्लाईवुड तैयार करने के दो ही रास्ते हैं या तो हमारा व्यवसायी असम जाए या फिर असम से कच्चा माल आए। सीएम ने मंच से यह बात साझा की। व्यवसायी ने कहा कि यदि वहां से लुग्दी यमुनानगर आ जाए तो व्यावसायियों को बड़ी राहत होगी। व्यापारी के साथ किसान भी खुशहाल :
सीएम ने कहा कि शहरीकरण के साथ-साथ प्लाईवुड की डिमांड भी बढ़ रही है। उद्योग को बढ़ावा देना हमारी लिए जरूरी था। इसी सोच के साथ सरकार ने 1700 लाइसेंस व्यापारियों को दिए, जबकि भाजपा की सरकार आने से पहले लाइसेंस बिकते थे। हमने यह प्रथा बंद की। आज पापुलर उत्पादक किसानों को भी बेहतर दाम मिल रहे हैं। 1400 रुपये प्रति क्विटल की दर से पापुलर बिक रहा है। कांग्रेस की सरकार में पापुलर का रेट 300-400 रुपये प्रति क्विटल रहा। चुनिदा लोगों को इस कारोबार पर अधिपत्य होता था, लेकिन अब अकेले यमुनानगर जिले में एक हजार व्यवसायी हैं। हमारे प्लाइवुड उद्योग ने दी चाइना को टक्कर : कंवरपाल
शिक्षा, वन एवं पर्यटन मंत्री कंवरपाल ने कहा कि यमुनानगर का प्लाईवुड उद्योग महत्वपूर्ण है। पर्यावरण संरक्षण में भी इस इस उद्योग का अहम योगदान है। क्योंकि इसमें पापुलर व सफेदे को कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया जाता है। जितना प्लाईवुड उद्योग पनपेगा, पर्यावरण उतना ही स्वच्छ रहेगा। इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हमें विशेष तौर पर प्रयास करने होंगे। हमारे प्लाईवुड उद्योग ने चाइना के उद्योग को टक्कर देने का काम किया है। अब हमारे व्यावसायियों के पास मौका है। व्यवसायी वर्ल्ड क्लास क्वालिटी तैयार करें। इसमें सरकार के सहयोग की भी जरूरत है। फोरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट का कारोबार को विशेष रूप से लाभ मिलेगा। मंत्री ने कहा कि रेलवे से प्लाइवुड का निर्यात सस्ता पड़ता है। इसलिए मैने सरकार को पत्र लिखा है कि यमुनानगर में आइसीसीडी सेंटर बनाया जाए। उम्मीद है कि यह मांग जल्द पूरी होगी। पांच सत्रों में हुआ कनक्लेव
हरियाणा प्लाईवुड कान्क्लेव पांच सत्रों में हुआ। पहले स्तर का शुभारंभ शिक्षा वन एवं पर्यटन मंत्री कंवरपाल ने किया। इस दौरान एफसीडी के मुख्य सचिव योगेंद्र चौधरी, एफसीडी के महानिदेशक व सचिव अनंत प्रकाश पांडे, दूसरे सत्र में हरियाणा प्लाईवुड मैन्युफैक्चरिग एसोसिएशन के अध्यक्ष जेके बिहानी ने जिले के प्लाइवुड उद्योग के समक्ष आ रही चुनौतियों व व्यवसाय में आने वाली दिक्कतों से अवगत कराया। व्यापारी कल्याण बोर्ड के चेयरमैन रामनिवास गर्ग ने प्लाइवुड कारोबार उद्योग के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी। प्लाईवुड एंड अप्लाइड प्रोडक्ट केमिकल एंड एलाइड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन बीएच पटेल ने अंतरराष्ट्रीय मार्केट व प्लाईवुड के एक्सपोर्ट के बारे में विस्तार से बताया। मिनिस्ट्री आफ डेवलपमेंट आफ नार्थ ईस्टर्न रीजन नई दिल्ली के निदेशक उमेश कुमार ने भी हरियाणा प्लाइवुड कान्क्लेव को लघु उद्योग के लिए मील का पत्थर बताया। तीसरे सत्र में डिपार्टमेंट आफ इंडस्ट्री एंड कामर्स के मुख्य सचिव विजेंद्र कुमार व जगदीश चंद्र (आइएफएस) ने व्यवसायियों संबोधित किया। इसी सत्र में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की एसीएस सुनीता मिश्रा ने भी विभाग की योजनाओं से अवगत करवाया। आबकारी एवं कराधान विभाग के एसीएस अनुराग रस्तोगी आनलाइन कनक्लेव से जुड़े। चौथे सत्र में इंडियन प्लाइवुड इंडस्ट्रीज रिसर्च एंड ट्रेनिग इंस्टीट्यूट से साइंटिस्ट सुजाता डी, फोरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट देहरादून से डीपी खली, द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर जेवी शर्मा, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ फोरन से डीन सतिद्र भाटिया, फैडेरेशन आफ इंडियन एक्पोर्ट आर्गेनाइजेशन के डिप्टी डायरेक्टर आशिष जैन, इंस्टीट्यूट आफ वुड साइंस एंड टेक्नालोजी से डा. एमपी सिंह ने अपने अनुभव सांझे किए। पांचवें सत्र में एफसीडी के प्रधान सचिव योगेंद्र चौधरी ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। इसी सत्र में एफसीडी के महानिदेशक व सचिव अनंत प्रकाश पांडे, मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी ने भी संबोधित किया।