लड़खड़ाए उद्योग व्यापार को सहारा दे सरकार तब व्यापारियों को मिले राहत
उद्योग- व्यापार इन दिनों मंदी के दौर से गुजर रहा है। व्यापारियों के मुताबिक फेस्टिवल सीजन भी व्यापार को ऑक्सीजन नहीं दे पा रहा है। कुछ नीतियां व्यापार पर भारी पड़ रही हैं।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : उद्योग- व्यापार इन दिनों मंदी के दौर से गुजर रहा है। व्यापारियों के मुताबिक फेस्टिवल सीजन भी व्यापार को ऑक्सीजन नहीं दे पा रहा है। कुछ नीतियां व्यापार पर भारी पड़ रही हैं। खासकर ऑन लाइन शॉपिग व्यापार का गणित बिगाड़ रही है। मोबाइल व कपड़ा व्यापार तो बुरी तरह प्रभावित है। ऐसी स्थिति में व्यापारियों को वित्त मंत्री से राहत दिए जाने की उम्मीद है। उनका कहना है कि सरकार ऐसी नीतियों को धरातल दे, जिससे उद्योग-व्यापार फले-फूले। फोटो : 9
हरियाणा व्यापार मंडल के प्रदेशाध्यक्ष महेंद्र मित्तल बताते हैं कि ऑन लाइन व्यापार सबसे घातक साबित हो रहा है। व्यापार इतना प्रभावित हो रहा है कि मंदी के कारण लोग कारोबार को छोड़ रहे हैं। बेरोजगार हो रहे हैं। इस ओर सरकार को कोई ध्यान नहीं है। इस दिशा में ऐसी पॉलिसी बनाई जाए जिससे ऑन लाइन व्यापार पर अंकुश लग सके। व्यापारी स्वतंत्र रूप से अपना व्यापार कर सकें। वित्त मंत्री से उनको उम्मीद है कि इस दिशा में कदम जरूर उठाएं।
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व्यापारी संजय मित्तल कहते हैं कुछ नीतियों के कारण व्यापार करना मुश्किल हो रहा है। व्यापारियों के बीच भय का माहौल बनाया जा रहा है। उनको सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उनकी वित्तमंत्री से मांग है कि जीएसटी में राहत दी जानी चाहिए। रिर्टन लेट भरे जाने पर पैनल्टी न लगाई जाए। बाजार में इतनी मंदी है कि व्यापारी समय पर रिर्टन नहीं भर पाता है। उस पर भारी भरकम पैनल्टी लगा दी जाती है। इससे राहत मिलें। फोटो : 11
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व्यापारी संदीप मखीजा का कहना है कि लक्कड़ को मार्केट फीस से मुक्त किया जाए। साथ ही करियाना दुकानदार से मार्केट फीस का लाइसेंस खत्म किया जाए। यह व्यापारियों पर अतिरिक्त आर्थिक भार है। व्यापार करने के लिए कम ब्याज पर पैसा उपलब्ध करवाया जाए ताकि एक छोटा सा व्यापारी भी आराम से अपना व्यापार शुरू कर सके। ऑन लाइन शॉपिग से लोकल मार्केट खत्म हो रही है। सरकार को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए। जो सुविधाएं बाहर से आने वाले व्यापारियों को दी जाती हैं, वे सुविधाएं लोकल व्यापारियों को भी मिलें। फोटो : 12
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व्यापारी दीपक कपूर का कहना है कि व्यापारियों को करों से राहत मिले। आज के समय में का व्यापारी मंदी के दौर से गुजर रहा है। वित्त मंत्री ऐसी पॉलिसी बनाए, जिससे व्यापार ग्रोथ करे। व्यापारियों की मंदी दूर हो। वह भय में नहीं, बल्कि भयमुक्त होकर व्यापार करें। बाहर से आने वाले बड़े व्यापारियों को तो सुविधाएं देती है, लेकिन स्थानीय व्यापारियों की अनदेखी की जा रही है। यह ठीक नहीं है। बजट में व्यापारियों का विशेष रूप से ख्याल जैसे आसान तरीके से बैंकों से लोन मिले। व्यापारियों को मंदी से उभारने के लिए विशेष पैकेज दिया जाए।