किसान विरोधी अध्यादेशों के विरोध में एक से पांच सितंबर तक किसान करेंगे भूख हड़ताल
किसान विरोधी अध्यादेशों के विरोध में अब अखिल भारतीय किसान यूनियन सितंबर में करेगी भूख हड़ताल।
संवाद सहयोगी, बिलासपुर:
किसान विरोधी अध्यादेशों के विरोध में अब अखिल भारतीय किसान सभा व खेत मजदूर यूनियन भी आ गई है। यूनियन के नेताओं ने अध्यादेश वापस न लेने पर एक से पांच सितंबर तक भूख हड़ताल करने का एलान किया है। सोमवार को यूनियन की ओर से प्रदर्शन भी किया गया। इस दौरान राष्ट्रपति व राज्यपाल के नाम एसडीएम विनेश कुमार को ज्ञापन भी दिया गया। यूनियन नेता अरूण शक्करवाल ने कहा कि सरकार किसान व कृषि विरोधी अध्यादेशों को तुरंत वापिस ले। इन्हें समय रहते रद्द नहीं किया तो किसान, आढ़ती, व्यापारी, मजदूर बर्बाद हो जाएंगे। एक करोड़ नौकरियां देने का वादा करने वाली सरकार कर्मचारियों को हटाने का काम कर रही है। यूनियन मांग करती है कि कोरोना महामारी से प्रभावित लोगों के परिवार को प्रतिमाह 7500 रुपये, दस किलो अनाज मुहैया कराया। मनरेगा के तहत 200 दिन का रोजगार600 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से दिया जाएं। पट्रोल व डीजल के बढ़े दाम कम किए जाएं। ये सभी आम लोगों की मांगें हैं। यदि सरकार ने इन मांगों पर कोई विचार नहीं किया और अध्यादेशों को वापस नहीं लिया, तो एक से पांच सितंबर तक जिला व उपमंडल कार्यालयों पर 24 घंटे की भूख हड़ताल की जाएगी।इस मौके पर गुरभजन सिंह, धर्मपाल अधिवक्ता, विजयपाल गलौली, मंडी एशोशिएसन के प्रधान दलजीत सिंह बाजवा, जिला प्रधान फकीर चंद, सुनील कुमार थे। भाकियू 15 अगस्त को करेगी प्रदर्शन
भारतीय किसान यूनियन भी अध्यादेशों के विरोध में मोर्चा खोले हुए हैं। अब 15 अगस्त को एक बार फिर भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले प्रदर्शन किया जाएगा। जिला प्रधान संजू गूंदियाना ने बताया कि अध्यादेश किसान विरोधी हैं। इस बारे में गांवों में जाकर किसानों को बताया जा रहा है। पहले भी इसके विरोध में प्रदर्शन किया था। इस बार बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू किया जा रहा है। सरकार को यह अध्यादेश वापिस लेना होगा। तभी किसान बच सकेगा।