31 दिन में 1800 रोगियों व तीमारदारों को बांटा ताजा नारियल पानी
कोरोना काल में इन्नर व्हील क्लब की ओर से मरीजों को नारियल का पानी बांटा गया।
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जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कोरोना काल में इन्नर व्हील क्लब की ओर से इएसआई, सिविल अस्पताल व तेजली के कोविड सेंटर में 1800 रोगियों, तीमारदारों व देखभाल कर रहे कर्मचारियों को नारियल पानी बांटा। इसके अलावा पीने का पानी व अन्य आवश्यक सामग्री भी दी गई। नारियल पानी वितरण अभी जारी है।
क्लब की जिला सचिव अपेक्षा कोटावाला गर्ग ने बताया कि चिकित्सकों ने इस पहल की मुक्तकंठ से सराहना की है। क्योंकि नारियल का पानी कोरोना संक्रमितों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। महंगा होने के कारण बहुत ही कम मरीजों तक यह पहुंच पाता है, लेकिन क्लब ने 31 दिन निरंतर यह सेवा की। महिला अग्रवाल सम्मेलन का भी काफी योगदान रहा है।
उन्होंने चिकित्सकों से परामर्श करने के बाद ताजे नारियल पानी की सेवा का निर्णय लिया। नारियल पानी शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है। संक्रामक रोगों के खतरे को भी कम करता है। बिल्कुल केमिकल मुक्त होता है।
अपेक्षा ने बताया कि उसने परिवार के ड्राइवर के साथ खुद इस मिशन की शुरुआत की। क्लब और अन्य संगठनों के सदस्यों ने हाथ मिलाकर इस कार्य में योगदान देना शुरू कर दिया। वित्तीय योगदान बहुत ने दिया लेकिन शारीरिक प्रयास और जोखिम सभी उसके हैं। उन्हें उनके परिवार, उनके पति, बच्चों और ससुराल वालों का पूरा समर्थन हैं। चिकित्स्कों के सुझाए सभी आवश्यक स्वास्थ्य सावधानियों के साथ-साथ कोविड -19 प्रोटोकोल का पालन कर रहे हैं। पुत्रवधू की सेवा व दवाइयों से कोरोना को हराया
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : रादौर निवासी अमरनाथ सैनी कोरोना संक्रमित होने पर होम आइसोलेशन में रहे। पुत्रवधू संतोष ने देखभाल का जिम्मा संभाला। दवाइयों व देखभाल से जल्द ही कोरोना पर पार पाया। अमरनाथ की अप्रैल माह में तबीयत खराब हुई। हल्के बुखार के साथ जुकाम व खांसी हुआ। जांच कराने पर रिपोर्ट पाजीटिव आई। जिससे पूरा परिवार घबरा गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने काउंसलिग की। जिससे पूरे परिवार का मनोबल बढ़ गया। पीड़ित को एक कमरे में आइसोलेट किया गया। बच्चों व परिवार के दूसरे लोगों की कमरे में जाने पर पाबंदी लगा दी। संतोष ने टीम सदस्यों के द्वारा बताई डाइट का चार्ट बनाया। उसके अनुसार ही पीड़ित को खाने-पीने की वस्तुएं दी गई। दुध, फल व अन्य पौष्टिक पदार्थों की मात्रा बढ़ा दी गई। खाद्य पदार्थ तैयार करके कमरे के दरवाजे पर रखे मेज पर रख देती थी। जिसे उठाकर पीड़ित खा लेता था। पीने व नहाने के लिए गर्म पानी का प्रबंध करती थी। दवाई के साथ आयुष काढ़ा भी दिया गया। धीरे-धीरे स्वास्थ्य में सुधार होने लगा। इसके बाद प्रतिदिन योगा व हल्का व्यायाम दिनचर्या में शामिल कर लिया। तनाव न हो इसके लिए परिवार के लोग दरवाजे के बाहर बैठकर घंटों बाते करते रहते थे। स्वास्थ्य ठीक होने पर दोबारा जांच कराई तो रिपोर्ट नेगेटिव आई।