मार्च के बाद पहली बार बजी स्कूलों में घंटी, 35 फीसद रही हाजिरी
कोरोना महामारी का प्रभाव कम होन के बाद शुक्रवार को पहली बार राजकीय व प्राइवेट सीनियर सेकेंडरी स्कूलों की घंटी बजी। नौवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थी कोविड-19 की नियमावली की पालना करते हुए स्कूल में पहुंचे। हालांकि पहले दिन विद्यार्थियों की उपस्थिति औसतन 35 फीसद रही। स्कूल में एंट्री करने से पहले सभी के शरीर की थर्मल स्कैनिग की गई। हाथों को सैनिटाइज कराया गया। कक्षा में एक बैंच पर केवल एक ही विद्यार्थी को बिठाया गया।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कोरोना महामारी का प्रभाव कम होन के बाद शुक्रवार को पहली बार राजकीय व प्राइवेट सीनियर सेकेंडरी स्कूलों की घंटी बजी। नौवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थी कोविड-19 की नियमावली की पालना करते हुए स्कूल में पहुंचे। हालांकि पहले दिन विद्यार्थियों की उपस्थिति औसतन 35 फीसद रही। स्कूल में एंट्री करने से पहले सभी के शरीर की थर्मल स्कैनिग की गई। हाथों को सैनिटाइज कराया गया। कक्षा में एक बैंच पर केवल एक ही विद्यार्थी को बिठाया गया। मार्च माह के बाद सड़कों पर प्राइवेट स्कूलों की बसें दौड़ती दिखी। जिनमें बच्चों को घर से लाना व ले जाना किया गया। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में धीरे-धीरे विद्यार्थियों की संख्या बढ़ती जाएगी।
घर कुछ समझ नहीं आ रहा था : सचिन
छात्र सचिन ने बताया कि लंबे समय से स्कूल से दूर रहकर उनकी शिक्षा काफी प्रभावित हो रही थी। आनलाइन शिक्षा ग्रहण करने में उन्हें कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। उनके मन की कई जिज्ञासा ऐसी थी जो वह आनलाइन माध्यम से अध्यापकों से शेयर नहीं कर पाते थे। स्कूल खुल जाने के बाद अब उनकी शिक्षा सुचारू रूप से आगे बढ़ पाएंगी।
घर रहकर उब गए थे : खुशी
छात्रा खुशी ने बताया कि स्कूल बंद होने से उन्हें काफी बोरियत का एहसास हो रहा था। अब स्कूल खोलने से उन्हें एक सुखद अनुभूति हो रही है। अब वह अपने सहपाठियों से भी मिल पाएंगे और शिक्षा में आने वाली समस्याओं को भी अपने अध्यापकों के साथ मिलकर दूर कर सकेंगे। क्योंकि घर पर रहकर वह अपनी पढ़ाई को ठीक ढंग से पूरा नहीं कर पा रहे थे।
रादौर में 40 फीसद छात्र पहुंचे :
संस, रादौर : शिक्षा विभाग की तरफ से फिलहाल नौवीं से बारहवीं तक के छात्रों को ही स्कूल में आने की अनुमति दी गई है। पहले दिन केवल 40 प्रतिशत छात्र ही स्कूल में पहुंचे। जिन्हें कोरोना प्रोटोकाल के मुताबिक स्कूल में प्रवेश कराया गया। अध्यापकों ने विद्यार्थियों को बताया कि वह एक दूसरे से शारीरिक दूरी बनाकर रखें। कोई भी वस्तु, पानी, भोजन एक दूसरे से सांझा न करें। जिसको लेकर बच्चे अपनी पानी की बोतल अलग-अलग लेकर ही स्कूल पहुंचे। फिलहाल स्कूलों में तीन घंटे ही पढ़ाई हो पाएगी। जिसमें आफलाइन पढ़ाई की शुरुआत अध्यापकों द्वारा करवाई गई।
साढौरा में हाजिरी रही कम :
संस, साढौरा : क्षेत्र में पहले दिन स्कूलों में विद्यार्थियों की हाजिरी महज 30 फीसद रही। प्रिसिपल रामरतन ग्रेवाल ने बताया कि प्रवेश द्वार अभिभावकों का सहमती पत्र चैक करके थर्मल स्क्रीनिग करने के बाद ही मास्क पहने बच्चों को स्कूल में प्रवेश करने दिया गया। इससे पहले स्कूल परिसर की साफ-सफाई के बाद सभी कमरों को सैनिटाइज किया गया। 30-30 मिनट के छह पीरियड लगाए गए। रामरतन ग्रेवाल ने बताया कि स्कूल खुल जाने के बावजूद बच्चों का आनलाइन शिक्षण पहले की तरह जारी रहेगा। अधिकतर स्टाफ को कोरोना से बचाव की वैक्सीन की पहली व दूसरी डोज लग चुकी है।